बिलासपुर एम्स में रोबोटिक सर्जरी से घुटना प्रत्यारोपण, इस विभाग में लगाया गया है 3 करोड़ का रोबोट

Spread the love
Himachal Knee transplant through robotic surgery in Bilaspur AIIMS a robot worth Rs 3 crore

एम्स बिलासपुर के हड्डी रोग विभाग (आर्थोपैडिक डिपार्टमेंट) ने पहली बार रोबोटिक सर्जरी से मरीज के घुटने का प्रत्यारोपण किया। इसके साथ ही एम्स बिलासपुर रोबोटिक सर्जरी करने वाला प्रदेश का पहला सरकारी संस्थान बन गया है। संस्थान के हड्डी रोग विभाग में ही एकमात्र रोबोट लगाया गया है। इसकी कीमत करीब तीन करोड़ बताई जा रही है। इस रोबोट के स्थापित होने से हड्डी रोग से संबंधित मरीजों को अब इलाज कराने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का लाभ मिलेगा।

इस सर्जरी को विभाग के डॉ. गौरव कुमार शर्मा, डॉ. अमित सलारिया, डॉ. रंजीत चौधरी और डॉ. देवेंद्र ने सफलता से पूरा किया। एनेस्थीसिया की कमान डॉ. विजयलक्ष्मी ने संभाली, जबकि नर्सिंग टीम का नेतृत्व भजन लाल ने किया। सर्जरी करने में करीब दो घंटे का समय लगा। बताते चलें कि रोबोटिक सर्जरी करने में आम ऑपरेशन से करीब 30 मिनट का समय अधिक लगता है। खास बात यह है कि सामान्य सर्जरी में मरीज को जो थोड़ी बहुत परेशानी की गुंजाइश रहती है, वह रोबोटिक सर्जरी से खत्म हो जाती है।

यह सर्जरी एक बुजुर्ग महिला मरीज पर की गई, जो लंबे समय से गठिया और घुटनों के गंभीर रोग पीड़ित थी। टीम में शामिल विशेषज्ञों ने बताया कि रोबोटिक तकनीक की मदद से जोड़ों की सटीक एलाइनमेंट और रियल-टाइम बैलेंसिंग संभव हो पाई, जिससे ऑपरेशन ज्यादा सफल और रिकवरी ज्यादा तेज होती है। उन्होंने कहा कि अब एम्स बिलासपुर में जटिल ट्रॉमा, रीढ़ की हड्डी और आर्थ्रोस्कोपिक सर्जरी के साथ रोबोटिक घुटना प्रत्यारोपण भी किया जाएगा।

नहीं जाना पड़ेगा राज्य से बाहर
डॉ. गौरव कुमार शर्मा ने कहा कि इस तकनीक से प्रदेश के हजारों मरीजों को फायदा मिलेगा और उन्हें बाहर के बड़े शहरों में महंगे इलाज के लिए नहीं जाना पड़ेगा। एम्स प्रशासन का कहना है कि इस नई तकनीक से संस्थान को अस्थि रोग चिकित्सा के क्षेत्र में क्षेत्रीय उत्कृष्टता केंद्र के रूप में स्थापित करने में मदद मिलेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *