
हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत के मामले में डबल बेंच में चुनौती देने को लेकर पुलिस अधीक्षक की ओर से लिखे पत्र के बाद रविवार को सीबीआई की टीमें जांच के लिए शिमला नहीं पहुंचीं। सीबीआई इसको लेकर अब राय ले रही है, वहीं रिकॉर्ड नहीं देने को लेकर हिमाचल हाईकोर्ट में भी अर्जी दायर कर सकती है। शिमला के एसपी संजीव गांधी ने रविवार को महाधिवक्ता अनूप रतन से मिलकर कानूनी पहलुओं को लेकर चर्चा की। सोमवार को एसपी हाईकोर्ट में एलपीए दाखिल कर सकते हैं। उधर, शिमला पुलिस ने निलंबित एएसआई पंकज को साक्ष्य छिपाने के मामले में आरोपी बना दिया है। फॉरेंसिक साइंस लैब में पेन ड्राइव से डाटा डिलीट होने की पुष्टि होने के बाद यह कार्रवाई की गई है। आरोपी पर साक्ष्य छिपाने और उनसे छेड़छाड़ करने के मामले में धारा 241 लगाई गई है।
बताया जा रहा है कि एसपी गांधी ने सीबीआई को जांच सौंपने के हाईकोर्ट के फैसले को डबल बेंच में चुनौती देने की सूचना सीबीआई मुख्यालय को पत्र लिखकर दे दी है। सीबीआई मुख्यालय दिल्ली ने जम्मू-कश्मीर काडर के डीआईजी अब्दुल जब्बार और डीएसपी राजेश कुमार झा की अगुवाई में दो टीमें गठित की हैं। शनिवार को सीबीआई शिमला की टीम रिकॉर्ड लेने एसपी कार्यालय पहुंची थी, लेकिन एसपी ने यह कहकर इन्कार कर दिया था कि वह एकल पीठ के फैसले को डबल बेंच में चुनौती दे रहे हैं। एसपी शिमला ने व्यक्तिगत तौर पर अदालत में पेश होकर बताया था कि विमल नेगी की मौत बिलासपुर में हुई थी, वहीं पर पोस्टमार्टम भी किया गया था। यह उनके क्षेत्राधिकार से बाहर था। उन्होंने कहा था कि एएसआई पंकज डीजीपी की ओर से विमल नेगी की तलाश के लिए गठित की गई एसआईटी का हिस्सा था, जबकि शिमला की एसआईटी ने पेन ड्राइव को तलाश किया है।
निलंबित एएसआई पंकज के घर पर सशस्त्र जवान तैनात
पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर रहे विमल नेगी मामले में पेन ड्राइव को छुपाने और उसे फॉर्मेट करने के आरोप में निलंबित एएसआई पंकज की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। उपतहसील भराड़ी के एक गांव में स्थित पंकज के आवास पर सशस्त्र जवान तैनात किए गए हैं। न्यायालय ने किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए आईजी दक्षिण रेंज और एसपी शिमला को विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन आदेशों की अनुपालना में पंकज को 24 घंटे सुरक्षा मुहैया करवाई जा रही है। गौरतलब है कि बहुचर्चित विमल नेगी केस में एएसआई पंकज पर गंभीर आरोप लगे हैं। उस पर केस से जुड़ी एक पेन ड्राइव को छुपाने और उसे फॉर्मेट करने के आरोप हैं। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए एएसआई को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। प्रशासन की ओर से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि न्याय प्रक्रिया बाधित न हो और जांच निष्पक्ष तथा पारदर्शी ढंग से पूरी हो।