न आईसीयू, न ही वेंटिलेटर फिर भी कर दी खोपड़ी की सर्जरी; पहल जिला अस्पताल बना कुल्लू

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Neither ICU nor ventilator, still skull surgery was done; Kullu became the first district hospital

हिमाचल प्रदेश के क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू की विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने न्यूरोसर्जिकल (खोपड़ी की हड्डी) का सफल ऑपरेशन किया है। क्रेनियोप्लास्टी अस्पताल के विशेषज्ञ सर्जन और टीम ने मरीज को बचाने के लिए बड़ा जोखिम उठाया, जिसमें वे कामयाब रहे। अस्पताल में मेडिकल कॉलेजों की तरह न तो क्रिटिकल केयर की सुविधा है और न ही आईसीयू और न वेंटिलेटर की व्यवस्था है। इसके बावजूद जोखिम पूर्ण सर्जरी को करने में चिकित्सकों ने कामयाबी मिली। इस सर्जरी में मरीज की जान भी जा सकती थी।  

चिकित्सकों के इस कारनामे से कुल्लू अस्पताल मेडिकल कॉलेजों के बाद प्रदेश का पहला अस्पताल बना है, जिसमें न्यूरोसर्जिकल क्रेनियोप्लास्टी का ऑपरेशन हुआ है। विशेषज्ञ सर्जन डॉ. कमल दत्ता ने कहा कि मरीज की ढाई घंटे तक सर्जरी की गई। इसके बाद अब वह बिल्कुल स्वस्थ है। 

क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में काबिल चिकित्सकों की टीम तैनात है, जो मरीजों को हर उपचार सुविधा देने के लिए कृतसंकल्प है। न्यूरोसर्जिकल क्रेनियोप्लास्टी का एक क्षेत्रीय अस्पताल में होना बड़ी कामयाबी है। यह जिला के लिए गर्व की बात है। विशेषज्ञ चिकित्सक व स्टाफ इसके लिए बधाई के पात्र हैं। मरीज सतीश के उपचार के लिए उपायुक्त कुल्लू से भी आर्थिक मदद के लिए पत्राचार किया है। डॉ. एनआर पवार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

सड़ गई थी खोपड़ी की हड्डी
23 वर्षीय मरीज सतीश करीब दो साल पहले सड़क हादसे का शिकार हुआ था। उसने माता-पिता को खो दिया। इस दौरान उसको सिर में चोट लगी थी। खोपडी की हड्डी सड़ गई थी, जिस वजह से मरीज को बचाने के लिए उसकी न्यूरोसर्जिकल क्रेनियोप्लास्टी करनी पड़ी है।

क्या होती है क्रेनियोप्लास्टी सर्जरी
क्रेनियोप्लास्टी एक न्यूरोसर्जिकल प्रक्रिया है, जो खोपड़ी में हड्डी की मरम्मत करती है। क्रेनियोप्लास्टी का उपयोग आमतौर पर खोपड़ी की हड्डी के खो जाने या क्षतिग्रस्त होने पर किया जाता है। इस ऑपरेशन में खोपड़ी के खो गए हिस्से को बोन ग्राफ्ट और प्लास्टिक प्लेट से भर दिया जाता है।

ऑपरेशन की टीम में ये रहे शामिल विशेषज्ञ सर्जन डॉ. कमल दत्ता ने
कहा कि सर्जरी न्यूरो सर्जन की देखरेख में की है। उनके साथ एनएसथेटिक्स डॉ. राजीव शासनी, डॉ. ईशा और डॉ. अनु के अलावा ओटीए निर्मला, शिवानी व स्टाफ नर्स अंजलि शामिल रहीं।

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