कर्मचारी को 2018 से वरिष्ठता लाभ देने के हाईकोर्ट ने दिए आदेश

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Himachal: The High Court ordered to give seniority benefits to the employee from 2018

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने नियुक्ति से वंचित रहे याचिकाकर्ता को वरिष्ठता लाभ देने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश संदीप शर्मा की अदालत ने कहा कि कर्मचारी चयन आयोग की गलती के कारण याचिकाकर्ता को नियुक्ति से वंचित किया गया। इसलिए इसे वित्तीय लाभ के बिना काल्पनिक (नोशनल) वरिष्ठता का लाभ दिया जाए। कोर्ट ने प्रतिवादी निगम को निर्देश दिए हैं कि याचिकाकर्ता को उसी तारीख से नियुक्त माना जाए, जिस तारीख को उसी चयन प्रक्रिया के अन्य उम्मीदवारों को निगम ने नियुक्ति की पेशकश की थी। अदालत ने याचिकाकर्ता चमन लाल को उनके सहकर्मियों के साथ ही वरिष्ठता देने का निर्देश दिया है, जिन्हें वर्ष 2018 में विज्ञापित पदों पर नियुक्त किया गया था।

मामला 2016 में विज्ञापित जूनियर ऑफिसर (कार्मिक और प्रशासन) के चार पदों की भर्ती से संबंधित है। याचिकाकर्ता चमन लाल ने सभी मानदंडों को पूरा किया था। 31 मार्च 2018 को एचपीएसएससी ने उनसे एमबीए (पीएम/एचआर) डिग्री जमा करने को कहा। याचिकाकर्ता ने ईमेल के माध्यम से डिग्री भेज दी। आयोग ने उसके आवेदन को इस आधार पर खारिज कर दिया कि जानकारी निर्धारित समय में उपलब्ध नहीं कराई गई। इसके खिलाफ याचिकाकर्ता ने 2019 में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। 15 मार्च 2021 को न्यायालय ने याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला सुनाया और एचपीएसएससी को नियुक्त करने का निर्देश दिया। हालांकि चमन लाल को 14 जून 2021 को नियुक्ति पत्र जारी किया गया, लेकिन उसे उस तारीख से वरिष्ठता नहीं दी गई, जब उसके बैच के अन्य उम्मीदवारों को नियुक्त किया गया था।

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