
हिमाचल पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत के मामले में सीबीआई ने जांच आगे बढ़ाते हुए शुक्रवार को न्यू शिमला पुलिस थाने से रिकॉर्ड कब्जे में ले लिया है। दिल्ली से पहुंची सीबीआई टीम ने मामले से जुड़ी जानकारी भी जुटाई। इससे पहले सीबीआई की शिमला शाखा ने एसपी ऑफिस से रिकॉर्ड लिया था। उधर, छुट्टी पर भेजे गए शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी ने व्यक्तिगत ताैर पर हाईकोर्ट में एलपीए दायर कर एकल जज के फैसले को चुनाैती दे दी है।
बता दें कि 10 मार्च को लापता हुए चीफ इंजीनियर विमल नेगी का शव 18 मार्च को बिलासपुर में गोबिंदसागर झील से बरामद हुआ था। शव बरामद होने के बाद न्यू शिमला थाने में नेगी की पत्नी की शिकायत पर पावर कॉरपोरेशन के अधिकारियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने समेत प्रताड़ना का केस दर्ज किया गया था। इसी कारण, सीबीआई ने सबसे पहले यहां से मामले की जांच शुरू की है। सीबीआई ने यहां दर्ज एफआईआर को केस का आधार बनाते हुए दिल्ली में मामला दर्ज किया है। शिमला के कार्यकारी एसपी गाैरव सिंह ने बताया कि सारा रिकाॅर्ड पहले ही तैयार कर लिया था।
उधर, सीबीआई ने बिलासपुर के तलाई थाने से भी मामले से जुड़ा रिकाॅर्ड जब्त किया है। वीरवार देर रात सीबीआई ने थाने में पहुंचकर जरूरी दस्तावेज कब्जे में लिए। शुक्रवार सुबह घटनास्थल का दौरा भी किया। 18 मार्च को सबसे पहले स्वारघाट थाने को गोबिंदसागर झील में शव होने की सूचना मिली थी। थाने की जांच टीम जब मौके पर पहुंची तो शव नहीं मिला। इसके बाद जांच टीम नाव में दो स्थानीय मछुआरों के साथ झील में आगे बढ़ी थी और तलाई में शव मिला था। गाैरतलब है कि डीजीपी की ओर से हाईकोर्ट में सौंपे हल्फनामे में दी जानकारी के अनुसार एक मछुआरे ने मृतक विमल नेगी की जेब से पेन ड्राइव निकाली थी और दूसरे ने इसकी वीडियो बनाई। विमल नेगी मौत मामले में पेन ड्राइव अहम सुराग है। ऐसे में सीबीआई पेन ड्राइव निकालने और वीडियो बनाने वाले मछुआरों से भी सीबीआई पूछताछ करेगी। बताया जा रहा है कि शुक्रवार को दिल्ली से आई सीबीआई टीम शिमला के रेलवे बोर्ड स्थित अपने कार्यालय भी गई और यहां फीडबैक लिया
याचिका में डीजीपी के हलफनामे पर आपत्ति, न्यायिक जांच की मांग
विमल नेगी की मौत की जांच सीबीआई को सौंपने के हिमाचल हाईकोर्ट के एकल जज के फैसले के खिलाफ शिमला के छुट्टी पर भेजे एसपी संजीव गांधी ने व्यक्तिगत तौर पर एलपीए दायर की है। गांधी ने याचिका में डीजीपी डाॅ. अतुल वर्मा के हलफनामे पर भी आपत्ति जताई है। इसमें गांधी ने न्यायिक जांच की मांग भी की है। अदालत में पहले मामले की सुनवाई के दौरान गांधी ने एकल जज के समक्ष भी निवेदन किया था कि एसआईटी पूरी ईमानदारी से जांच कर रही है। एसआईटी की कार्यशैली पर सवाल नहीं उठाए जा सकते हैं। उन्होंने अदालत से जांच सीबीआई को न देकर एसआईटी पर ही भरोसा करने का निवेदन किया था और जांच के लिए और समय मांगा था। अदालत ने एसीएस और डीजीपी की रिपोर्ट के आधार पर जांच सीबीआई को सौंप दी थी।
सरकार ने मना किया था, अपने स्तर पर किया चैलेंज
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और महाधिवक्ता अनूप रतन ने एकल जज के फैसले के खिलाफ अपील दायर करने से मना कर दिया था। मुख्यमंत्री ने कहा था कि परिवारजनों को किसी भी सूरत में न्याय मिलना चाहिए। इसके बावजूद एसपी ने अपने स्तर पर एकल जज के फैसले को चैलेंज कर दिया है।