
हिमाचल प्रदेश में अब हर वर्ष शिक्षक दिवस पर तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले शिक्षकों को भी राज्य स्तरीय पुरस्कार मिलेगा। हर साल 10 शिक्षकों को पुरस्कृत किया जाएगा। तकनीकी शिक्षा क्षेत्र के शिक्षकों के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार योजना राजपत्र में अधिसूचित हो गई है। यह योजना मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के निर्देश पर शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य शिक्षकों के नवाचार, समर्पण, शोध एवं विद्यार्थियों के समग्र विकास में योगदान को सम्मान देना है। पुरस्कार तकनीकी शिक्षा की छह श्रेणियों में प्रदान किया जाएगा। इसमें आईटीआई के तीन सर्वश्रेष्ठ शिक्षक, रिसर्च एक्सीलेंस और इनोवेशन (डिग्री कॉलेज स्तर) के दो, इंडस्ट्री कोलैबोरेशन (आईटीआई और पॉलिटेक्निक स्तर) के दो और पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग व फार्मेसी कॉलेज स्तर पर एक-एक शिक्षक को सम्मानित किया जाएगा। पुरस्कार के रूप में शिक्षकों को मेडल, हिमाचली टोपी, शॉल, स्कार्फ, किताबें, स्मृति चिह्न और प्रशस्ति-पत्र प्रदान किए जाएंगे।
पूरे सेवाकाल में केवल एक बार ही मिलेगा पुरस्कार
पुरस्कार किसी शिक्षक को पूरे सेवाकाल में केवल एक बार ही दिया जाएगा। सेवानिवृत्त शिक्षक और अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत शिक्षक इसके पात्र नहीं होंगे। केवल वे शिक्षक जो 30 अप्रैल तक सेवा में होंगे, पुरस्कार के लिए पात्र माने जाएंगे। चयन बहुस्तरीय मूल्यांकन प्रक्रिया के आधार पर किया जाएगा। पहले चरण में विशेषज्ञ समिति नामांकनों की जांच करेगी, फिर तकनीकी शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में समिति सिफारिश करेगी। अंतिम निर्णय सचिव (तकनीकी शिक्षा) की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय चयन समिति की ओर से लिया जाएगा।
शिक्षकों के चयन के प्रमुख मापदंडों में शैक्षणिक उत्कृष्टता, अनुसंधान कार्य, नवाचार शिक्षण विधियां, पाठ्यक्रम विकास, छात्र प्रोजेक्ट मार्गदर्शन, शोध प्रकाशन, पेटेंट फाइलिंग, औद्योगिक सहयोग, और सॉफ्टवेयर/उपकरण निर्माण शामिल हैं। पुरस्कार के लिए पात्रता के लिए किसी एक क्षेत्र में विशेष योगदान अनिवार्य है। प्रदेश में पांच इंजीनियरिंग कॉलेज, 5 फार्मेसी कॉलेज, 17 पॉलिटेक्निक संस्थान, 153 सरकारी आईटीआई और 180 निजी तकनीकी संस्थान संचालित हो रहे हैं। यह योजना तकनीकी शिक्षा में गुणवत्ता सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।