
एचआरटीसी केलांग डिपो की आर्थिकी को मजबूत करने वाला दिल्ली-लेह बस रूट परमिट के फेर में फंस गया है। निगम प्रबंधन कार्यालय केलांग से 20 मई को एमडी कार्यालय शिमला को दिल्ली-लेह के बीच बस सेवा शुरू करने को लेकर पत्राचार किया, लेकिन उच्चाधिकारियों के कार्यालय से केलांग डिपो को अभी तक रूट परमिट का आदेश नहीं मिल पाया है। ऐसे में देश की सबसे ऊंचाई पर चार दर्रों को लांघकर चलने वाली बस सेवा शुरू न होने से सैलानियों को इस रूट पर बस का सुहाना सफर करने का मौका नहीं मिल पा रहा है। सैलानियों और अन्य यात्रियों को दिल्ली-लेह के बीच टैक्सियों में महंगा सफर करना पड़ रहा है।
सीमा सड़क संगठन ने 12 मई को दारचा-सरचू-लेह सड़क को यातायात के लिए बहाल कर दिया था। अधिकारियों का कहना है सरचू के रास्ते लेह सड़क सभी प्रकार के वाहनों के लिए बहाल है। देश, विदेश के पर्यटक मनाली-लेह सड़क पर बारालाचा, नकिल्लला, तंगलांगला और लाचुंग दर्रा के बीच से बस सफर का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। गौरतलब है कि इस रूट में निगम की बस ने पिछले वर्ष 95 दिनों में 1.25 करोड़ का राजस्व कमाया था। ऐसे में इस बस सेवा के शुरू न होने से निगम को भी नुकसान हो रहा है। जबकि सैलानियों को भी इससे सस्ता सफर नहीं मिल पा रहा है। बीते वर्ष इस रूट में 12 जून से बस सेवा शुरू हुई थी लेकिन इस बार सड़क जल्द बहाल होने के बाद भी बस सेवा शुरू नहीं हो पाई है। इस रूट पर वर्ष में सिर्फ तीन से चार महीने ही बस सेवा चलती है।
दिल्ली-लेह बस सेवा शुरू करने को लेकर 20 मई को उच्च अधिकारी कार्यालय शिमला को अस्थायी रूट परमिट को लेकर पत्र भेजा गया। जैसे परमिट मिल जाए तो लेह-दिल्ली के बीच बस सेवा शुरू कर दी जाएगी।