एम्स बिलासपुर में हिम केयर और आयुष्मान का भुगतान अटका, दवाओं की सप्लाई पर संकट, इतनी देनदारी बकाया

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Himachal Him Care and Ayushman payment stuck in AIIMS Bilaspur crisis on supply of medicines

एम्स बिलासपुर में हिमाचल प्रदेश सरकार की हिम केयर और केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना के तहत करीब 40 करोड़ रुपये की देनदारी लंबित है, जिससे संस्थान में दवाओं और उपकरणों की आपूर्ति पर गंभीर संकट मंडराने लगा है। बीते 12 महीनों से भुगतान नहीं होने के कारण अमृत फार्मेसी और अन्य वेंडर लगातार परेशान हैं।

एम्स में प्रतिदिन हिम केयर व आयुष्मान के लाभार्थियों के लिए औसतन पांच लाख रुपये की दवाएं जारी की जा रही हैं, लेकिन वेंडर अब पूरा ऑर्डर नहीं भेज पा रहे। अमृत फार्मेसी ने बताया कि 10 दवाओं के ऑर्डर में से महज 5 ही आ रही हैं। वहीं अगर बड़े ऑपरेशन करने हों तो योजना के लाभार्थियों के लिए उपकरणों की आपूर्ति करना अब अमृत फार्मेसी के लिए मुश्किल होने लगा है। लाख से डेढ़ लाख के खर्च वाले ऑपरेशनों की दवाई और उपकरणों की सप्लाई के लिए आपूर्तिकर्ता को नया वेंडर ढूंढना पड़ रहा है। कारण यह है कि पुराना वेंडर पेमेंट न होने के कारण सप्लाई नहीं दे रहा है। स्थिति इतनी विकट हो गई है कि बड़े ऑपरेशनों में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों की सप्लाई भी बाधित हो रही है।

वेंडर अग्रिम पेमेंट के बिना सामान देने से साफ इनकार कर रहे हैं। फार्मेसी को नए वेंडर तलाशने पड़ रहे हैं ताकि मरीजों को असुविधा न हो। अमृत फार्मेसी अधिकारियों का कहना है कि वे सेवाएं बंद नहीं कर रहे हैं, लेकिन 15 जून तक भुगतान न हुआ तो योजनाओं के लाभार्थियों को इलाज मिलना मुश्किल हो जाएगा। बताते चलें कि एक माह पहले बिलासपुर में आयोजित दिशा समिति की बैठक में भी एम्स अधिकारियों ने हिमकेयर, आयुष्मान योजना के तहत लंबित भुगतान का मुद्दा उठाया था। उसके बाद से लगातार प्रदेश सरकार से आग्रह किया जा रहा है कि योजनाओं के लाभार्थियों की सुविधा के लिए पेंडिंग पैसे का भुगतान कर दें। वेंडर अब दवा की सप्लाई देने से इन्कार करने लगे हैं। अगर यही हाल रहा तो सुविधाओं को सुचरु रखना मुश्किल हो जाएगा।

हिम केयर और आयुष्मान योजना के तहत प्रदेश सरकार के पास करीब 40 करोड़ की देनदारी पेंडिंग है। योजनाओं के तहत संस्थान को दवाइयों की आपूर्ति करने वाली अमृत फार्मेसी दवा वेंडरों को पेमेंट नहीं कर पा रही है। जिस कारण फार्मेसी को दवा आपूर्ति करने के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है। प्रदेश सरकार को इस बारे में पत्र लिखा गया है। उम्मीद है कि पेमेंट जारी हो जाए, ताकि योजना के लाभार्थियों को कोई भी परेशानी न उठानी पड़े

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