
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला मुख्यालय धर्मशाला से सटे ग्राम पंचायत सोकणी दा कोट (खनियारा) में बुधवार को आई बाढ़ ने दो श्रमिकों की जान ले ली और यह हादसा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट प्रबंधन के साथ जिला प्रशासन, खनन विभाग और आपदा प्राधिकरण पर बड़े सवाल खड़े कर गया। जल शक्ति विभाग के चेताने के बाद प्रशासन ने मानसून सीजन के दौरान संभावित जोखिमों को लेकर एडवाइजरी जारी की थी, लेकिन वह सिर्फ कागजों तक ही सीमित रही। इस बीच, हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट पर काम चलता रहा और प्रशासन ने इस पर ठोस कदम नहीं उठाए।
प्रशासन की एडवाइजरी को हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट प्रबंधन पर पूरी तरह से नजरअंदाज करने के आरोप हैं। हैरानी की बात यह है कि बरसात के मौसम में नदी-नालों में न जाने के बारे में प्रशासन की ओर से समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी होते रहे हैं। इसके बावजूद खनियारा की मनूणी खड्ड पर हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट का निर्माण समझ से परे है। मजदूरों का खड्ड के रास्ते से ही प्रोजेक्ट साइट पर आना-जाना रहता है। खड्ड में कई दशकों से मजबूती से टिके पत्थरों को बलास्टिंग से तोड़ दिया है।
मनूणी खड्ड से दो लोगों के शव बरामद कर लिए हैं। एसडीआरएफ की टीमें मौके पर हैं। रेस्क्यू ऑपरशन जारी है। हाइड्रो कंपनी प्रबंधन से पूछताछ जारी है कि कितने कर्मचारी प्रोजेक्ट में कार्यरत हैं और कितने लापता हैं। अभी तक यह नहीं कहा जा सकता कि बादल फटा है। न ही मौसम विज्ञान विभाग से ऐसी कोई सूचना है, लेकिन खड्ड में पानी का बहाव काफी अधिक था। -हेमराज बैरवा, उपायुक्त कांगड़ा
धर्मशाला के समीप मनूणी खड्ड में तेज बहाव के बाद मजदूरों के बहने की सूचना मिली है। इसको लेकर अभी तक मात्र दो शव रेस्क्यू किए हैं। इनकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है, जबकि पुलिस की ओर से आगामी प्रकिया जारी है। शालिनी अग्निहोत्री, पुलिस अधीक्षक कांगड़ा
15 से 20 श्रमिकों के बहने की सूचना : सुधीर
धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा ने कहा कि खनियारा की मनूणी खड्ड पर निर्माणाधीन हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट कंपनी में कार्यरत करीब 15 से 20 श्रमिकों के बहने की सूचना है। ये सभी खड्ड के किनारे शेड में रहते थे। ऐसी हृदय विदारक घटना शायद ही पहले कभी देखी गई हो।
पहाड़ी पर चढ़ बचाई जान
जम्मू-कश्मीर के निवासी रवि कुमार ने बताया कि आधे दिन के वाद बारिश ज्यादा बढ़ गई थी। कंपनी की ओर से कहा गया था कि बारिश कम हो जाएगी तो काम पर लौट आना। हम इंतजार कर रहे थे, पर वारिश घटने के बजाय बढ़ गई और हमें नीचे शिफ्ट होने के लिए कहा गया। हम नीचे आ रहे थे कि रोड से पानी आ गया। कुछ मजदूरों ने पहाड़ी पर चढ़कर जान बचाई। नाले में आई बाढ़ के चलते जेएंडके के एक व्यक्ति की मौत हो गई। एक जेसीबी भी बह गई है। हम 26-27 लोग वापस आ गए हैं और अपने घर जा रहे हैं, जबकि ऊपर और भी लोग फंसे हुए हैं।
दोपहर बाद दो बजे के करीब खराब हुआ मौसम
प्रत्यक्षदर्शी जम्मू-कश्मीर के जिला डोडा निवासी दया किशन ने कहा कि बुधवार दोपहर बाद करीब 2:00 बजे मौसम खराव हुआ है। हम बाजार में सामान लेने गए थे। जब हम ऊपर पहुंचे तो कुछ लोग खाना खा रहे थे, हमने देखा कि पानी का बहाव बढ़ रहा है। जैसे ही हम सड़क पर पहुंचे तो पीछे से नाले में पानी का बहाव बढ़ गया। वहां करीब 28 लोग थे, जिनमें से 10 चंवा से हैं। वहां मौजूद कुछ लोगों को हमने पानी बढ़ने पर भागने का इशारा भी किया था।