सेवानिवृत्त अधिकारी के साथ 38 लाख रुपये की साइबर ठगी, शातिरों ने ऐसे दिया घटना को अंजाम; जानें

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हिमाचल प्रदेश में साइबर ठगों ने एक सेवानिवृत्त अधिकारी के साथ 38 लाख रुपये की धोखाधड़ी की है। साइबर ठगों ने इसके बाद सीबीआई अधिकारी बनकर शिकायतकर्ता को वेरिफिकेशन और मामला सेटलमेंट करने के नाम पर झांसे में लिया।

डिजिटल अरेस्ट कर एक सेवानिवृत्त अधिकारी के साथ 38 लाख रुपये की साइबर ठगी का मामला सामने आया है। शिकायतकर्ता को सीबीआई के नाम से साइबर ठगों ने कॉल किया और उन्हें डराकर ऐसे जाल में फंसाया कि उन्होंने अपनी जिंदगीभर की पूंजी गंवा दी।

ठगी का आभास होने पर उन्होंने मामले की शिकायत साइबर क्राइम के हेल्पलाइन नंबर 1930 पर की। पुलिस ने मामले की शिकायत मिलते ही इसकी जांच शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक प्रदेश के एक सरकारी विभाग से सेवानिवृत्त हुए अधिकारी को कुछ दिन पहले अज्ञात नंबर से कॉल आया। इसमें उन्हें बताया कि उनके नाम पर मुंबई में एक बैंक खाता खुला है और इसमें छह करोड़ रुपये की ट्रांजेक्शन हुई है। इस राशि का इस्तेमाल संदिग्ध गतिविधियों के लिए हुआ है। साइबर ठगों ने इसके बाद सीबीआई अधिकारी बनकर शिकायतकर्ता को वेरिफिकेशन और मामला सेटलमेंट करने के नाम पर झांसे में लिया।

इसके बाद शिकायतकर्ता को डिजिटल अरेस्ट कर दिया गया। इसके बाद आरोपी ने साइबर ठगों के झांसे में आकर करीब 38 लाख रुपये की रकम गंवा दी। ठगों ने इस तरह से सेवानिवृत्त अधिकारी को अपने झांसे में लिया कि उन्होंने कई बार खुद बैंक में जाकर रकम को आरोपियों के बताए खातों में ट्रांसफर कर दिया। उन्हें तब जाकर ठगी का अहसास हुआ, जब नंबर बंद आए। इसके बाद उन्होंने मामले की शिकायत की।

सेवानिवृत्त अधिकारी से साइबर ठगी का मामला सामने आया है। लोगों से अपील है कि सीबीआई, पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों के नाम पर आने वाले फर्जी कॉल से सावधान रहें।

प्रदेश में साइबर ठग हर रोज लोगों से लाखों की धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे हैं। साइबर क्राइम सेल की लोगों को जागरूक करने के बावजूद लोग ठगों के झांसे में आकर अपनी जिंदगीभर की पूंजी को गंवा रहे हैं। 4 जून को साइबर क्राइम सेल के एक दिन में 59 वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़ी शिकायतें साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर आईं हैं। इसमें 22 लाख के करीब साइबर ठगी लोगों से हुई है। 

साइबर क्राइम सेल ने शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए (एनसीआरपी) नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर दर्ज किया है। साथ ही 5,78,367 रुपये की रकम को विभिन्न बैंक खातों में होल्ड करवा दिया है। साइबर धोखाधड़ी के मामलों में लोगों को लॉटरी, फर्जी लिक पर क्लिक करके, डिजिटल अरेस्ट समेत कई प्रकार से साइबर ठग धोखाधड़ी का शिकार बना रहे हैं। साइबर विशेषज्ञों ने लोगों से इस तरह के झांसों में न आकर ठगी के मामलों से बचने की सलाह दी है। साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर 4 जून को कुल 382 कॉल आई हैं। इसमें 10.20 फीसदी यानी 59  शिकायतें वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़ी हैं। इसके अलावा सोशल मीडिया से संबंधित 3.92 फीसदी, शिकायतों का निवारण करने के लिए 12.30 फीसदी और अन्य शिकायतें 73.56 फीसदी हैं।

एसपी साइबर क्राइम दिनेश शर्मा ने कहा कि लोग साइबर अपराधियों से बचने के लिए सावधानी बरतें। किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें। अगर ठगी का शिकार हो जाते हैं, तो फौरन मामले की शिकायतें साइबर क्राइम की हेल्पलाइन 1930 पर करें। 


साइबर क्राइम सेल ने ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों को देखते हुए शिमला, सोलन, नालागढ़, बद्दी और बिलासपुर को संवेदनशील घोषित किया है। साइबर क्राइम सेल ने लोगों से अपील की है कि अगर वह साइबर ठगी का शिकार हो जाते हैं, तो फौरन मामले की सूचना 1930 पर करें। 

संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें।

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