जिला मंडी में 30 जून को आई आपदा के बाद दास्ताओं के कई मंजर सामने आ रहे हैं। पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके धर्मपुर के स्याठी गांव में एक कुत्ते ने खुद को बचाने के साथ परिवार और गांव 60 लोगों की जिंदगी बचा दी।
स्याठी गांव के ललित कुमार बताते हैं कि उस रात भारी बारिश हो रही थी। पूरा गांव घरों में आराम से सो रहा था। मेरे घर पर दो बाथरूम थे, जिसमें से एक में कुत्ते को रखा जाता था और दूसरे को परिवार इस्तेमाल करता है। 30 जून आधी रात को कुत्ता जोर-जोर से भौंकने लगा। मैं बाहर आया और उसे अपने साथ घुमाने ले जाने लगा। तभी थोड़ी देर में बाथरूम गिर गया। इसके बाद परिवार के सदस्य को बाहर निकलने की आवाजें लगाईं। गांव में भी शोर मचाया। कुछ पड़ोसियों को फोन किए। कुछ ही देर में गांव के लोग सुरक्षित जगह की तरफ भागे।
माताएं बच्चों को गोद में उठाकर निकलीं। कोई नंगे पांव था तो किसी को घर की चिंता लगी थी। सभी लोग बाहर निकले तभी भारी प्रलय हुआ और देखते ही देखते सभी के घर, पशु और घर में रखा सारा सामान मिट्टी में मिल गया। आज स्याठी गांव के सभी लोग सुरक्षित हैं। गांववासियों को नैणा माता मंदिर लौंगणीधार में शरण दी गई है। उनके साथ कुत्ता भी रह रहा है। मौजूदा समय में स्याठी गांव में आई विपदा के बाद वहां मलबे का ढेर लगने से एक कृत्रिम झील बन गई है। इससे खतरा फिर से बढ़ गया है।
स्याठी गांव में कृत्रिम झील की निकासी के लिए लोक निर्माण विभाग को निर्देश दे दिए हैं। जल्द जेसीबी मशीन लगाकर इसे दुरुस्त कर दिया जाएगा।-