राज्य चुनाव आयोग ने सभी उपायुक्तों को 22 जुलाई तक नगर निकायों में आरक्षण रोस्टर लगाने के आदेश जारी किए हैं।
हिमाचल प्रदेश में राज्य चुनाव आयोग ने सभी उपायुक्तों को 22 जुलाई तक नगर निकायों में आरक्षण रोस्टर लगाने के आदेश जारी किए हैं। इससे पहले यह तिथि 11 और फिर 15 जुलाई निर्धारित की गई थी। वार्डों के पुनर्सीमांकन का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन था। कोर्ट ने इस पर लगे स्टे को हटा दिया है। शहरी विकास विभाग की ओर से जारी पत्र में विभाग और राज्य चुनाव आयोग के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई थी। इसमें कहा गया था कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के वर्तमान आंकड़े न होने से आरक्षण रोस्टर नहीं लगाया जा सकता। ताजा आंकड़े वर्ष 2027 में आने हैं। इस पर आयोग ने आपत्ति जताई। हिमाचल के 73 नगर निकायों में चुनाव होने हैं।
राजधानी शिमला में भीड़भाड़ कम करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने व्यापक योजना तैयार करने के लिए कैबिनेट उपसमिति का गठन किया है। कमेटी विशेष रूप से शहर से विभिन्न मंडियों के स्थानांतरण पर ध्यान केंद्रित करेगी। शुक्रवार को सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार समिति की अध्यक्षता राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी करेंगे। समिति के सदस्यों में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह और नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी शामिल हैं। शहरी विकास निदेशक समिति के सदस्य सचिव के रूप में कार्य करेंगे। स्थानीय प्रतिनिधित्व और सुझावों को सुनिश्चित करने के लिए शिमला के विधायक हरीश जनारथा को समिति में विशेष आमंत्रित सदस्य नियुक्त किया गया है। समिति हितधारकों से परामर्श करेगी और शिमला में ट्रैफिक को कम करने और शहरी गतिशीलता में सुधार के लिए सुझाव देगी।