हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी और कालाअंब की आबोहवा प्रदूषित है। प्रदूषण विभाग की ओर से जारी एयर क्वालिटी इंडेक्स सबसे अधिक है। आने वाले समय में दिवाली पर यहां वायु प्रदूषण और बिगड़ सकता है। इसके अलावा पांवटा साहिब, बरोटीवाला, नालागढ़, ऊना और डमटाल संतोषजनक जोन में हैं। एयर क्वालिटी के स्तर में शिमला सबसे अच्छा है। साथ ही धर्मशाला, सुंदरनगर और परवाणू में वायु प्रदूषण का स्तर बेहतर है। 50 से कम एयर क्वालिटी इंडेक्स पर्यावरण के हिसाब से अच्छा माना जाता है। 51 से 100 तक संतोषजनक और 101 से 200 तक मध्यम जोन में गिना जाता है। वहीं 201 से 300 तक पूअर श्रेणी में आता है। औद्योगिक क्षेत्र के बद्दी के एयर क्वालिटी इंडेक्स 163 चल रहा है। यहां के एमपी-10, 195 और एसओटू भी 1.68 चल रहा है। वहीं कालाअंब वायु प्रदूषण के मामले में दूसरे स्थान पर है। यहां पर एयर क्वालिटी इंडेक्स 149 है। एमपी-10 भी यहां पर 164 है। जबकि एसओटू बहुत ज्यादा 6.8 है। यहां पर हवा में उड़ने वाली धूल के कण अधिक हैं। इससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत आ सकती है। इसके अलावा ऊना में 58, डमटाल में 61, पांवटा साहिब में 74, बरोटीवाला में 62 और नालागढ़ में 54 संतोषजनक श्रेणी में है। शिमला का एयर क्वालिटी इंडेक्स सबसे कम 28, धर्मशाला का 47, सुंदरनगर का 41 और परवाणू का 36 है। पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करने वाली संस्था हिम परिवेश के महासचिव बाल किशन, काला खड्ड पर्यावरण संस्था के अध्यक्ष बलजीत सिंह ने बताया कि बीबीएन में हवा के साथ-साथ जल प्रदूषण भी बढ़ गया है। यहां के जल स्रोत अब पीने के लायक नहीं है। बद्दी एशिया का सबसे बड़ा फार्मा हब है। यहां पर सभी प्रकार की दवाइयां बनती हैं। दवा कंपनियों में निकलने वाला वेस्ट जमीन में छोड़ दिया जाता है। जमीन में छोड़ा गया रसायन इन जल स्रोतों में मिल रहा है और आने वाले समय में यहां लोगों को भयंकर बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। प्रदूषण बोर्ड के वरिष्ठ अभियंता प्रवीण गुप्ता ने बताया कि वे रूटीन में सभी उद्योगों के एयर व जल प्रदूषण की जांच करते हैं। जिन उद्योगों में खामियां पाई जाती हैं उन्हें नोटिस दिए जाते हैं। अगर नोटिस के बाद भी कमियों को दूर नहीं किया जाता तो उनके बिजली कनेक्शन काट दिए जाते हैं।