प्रदेश सरकार ने दूध खरीद के दाम बढ़ाने का फैसला लिया है। इससे पशुपालकों को राहत मिलेगी। हिमाचल में सरकार वीटा और वेरका के मुकाबले पशुपालकों से ऊंची कीमत पर दूध खरीदेगी। सरकार के गठन का एक साल पूरा होने के उपलक्ष्य में होने वाली रैली में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू इसकी घोषणा करेंगे। मिल्कफेड के जरिये ब्लॉक स्तर पर कमेटियां गठित कर दूध की खरीद की जाएगी। सरकार उपमंडल स्तर पर दुग्ध कमेटियां का गठन करेगी। पशुपालकों की संख्या के आधार पर दुग्ध कमेटियां गठित कर मिल्कफेड के पास पंजीकृत करवाई जाएंगी। पशुपालकों से घर द्वार दूध खरीदने के लिए मिल्कफेड के माध्यम से वाहनों की भी व्यवस्था करवाई जाएगी। मिल्कफेड के दत्तनगर और डगवाल संयंत्र को अपग्रेड करने की भी योजना है, जिससे बेहतर गुणवत्ता का दूध खुले बाजार में उपभोक्ताओं को उपलब्ध करवाया जा सके। मौजदूा समय में मिल्कफेड पशुपालकों से दूध गुणवत्ता के आधार पर 24 से 30 रुपये किलो खरीद रहा है। इसे बढ़ाकर 30 से 35 रुपये किया जा सकता है। उधर, कृषि एवं पशुपालन मंत्री प्रोफेसर चंद्र कुमार का कहना है कि सरकार ने दूध के दाम बढ़ाने का फैसला लिया है। पशुपालकों से वेरका से महंगी दरों पर दूध खरीदा जाएगा। सरकार का एक साल का कार्यकाल पूरा होने पर आयोजित होने वाली रैली में इसकी घोषणा की जाएगी। सीएम ने किया था 500 करोड़ रुपये का प्रावधान
मुख्यमंत्री ने अपने पहले बजट में हिमगंगा योजना के तहत पशुपालकों से दूध खरीदने, प्रोसेसिंग और मार्केटिंग की व्यवस्था के लिए 500 करोड़ के प्रावधान का एलान किया था। कांग्रेस ने चुनाव से पहले पशु पालकों से गाय का दूध 80 रुपये प्रति लीटर और भैंस का दूध 100 रुपये प्रति लीटर खरीदने की भी घोषणा की थी।