हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि कांग्रेस ने जो दस गारंटियां दी हैं, उनमें से तीन पूरी कर जनता से किया वादा निभाया है, चार पर काम चल रहा है, सभी गारंटियां भी 2027 तक पूरी कर देंगे। सरकार का एक साल पूरा होने पर अमर उजाला से विशेष बातचीत में उन्होंने कहा कि आपदा का डटकर सामना करना, आर्थिक हालात सुधारने की दिशा में प्रभावशाली कदम उठाना और भ्रष्टाचार का खात्मा उनकी सरकार की उपलब्धि है। उन्होंेने कहा कि कांग्रेस ने यह कहीं नहीं लिखा कि एक साल में सभी दस गारंटियां पूरी कर दी जाएंगी। सीएम ने कहा कि 20% अर्थव्यवस्था पटरी पर ले आए हैं, 80 फीसदी अगले चार वर्षों के लिए लक्षित है। सीएम ने कहा कि बरसात में सदी की सबसे बड़ी आपदा का सामना कर चुकी उनकी सरकार विकास यात्रा को आगे बढ़ा रही है। आपदा में नई दिल्ली से वांछित मदद नहीं मिलने का उन्होंने मलाल जताया। साथ ही आशा जताई कि केंद्र को प्रदेश का हक देर-सवेर देना होगा। कांग्रेस ने पुरानी पेंशन योजना देने की पहली गारंटी पूरा कर ली है। दिन-रात प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए मेहनत कर रहे कर्मचारी इससे खुश हैं। सरकार ने स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई करवाने की गारंटी भी लागू कर दी है, जो आगामी सत्र से शुरू है। इसी तरह 680 करोड़ की स्टार्टअप योजना आरंभ करके तीसरी गारंटी भी लागू कर दी है, जिससे युवा अपने पैरों पर खड़े हाेंगे। सीएम ने कहा कि अन्य गारंटियों में से भी अधिकतर पर काम शुरू हो चुका है। इन्हें शत-प्रतिशत लागू करने के लिए चार साल का वक्त है। सरकार ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया है। कर्मचारी चयन आयोग को भंग करके भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। पेपर लीक होते रहे और बेचे जाते रहे और इससे पात्र नौकरी से वंचित रहे। आगे पारदर्शी तरीके से बड़ी संख्या में रोजगार दिया जाएगा। भ्रष्टाचार के मामलों में सरकार सख्त रवैया अपनाए है। सुक्खू ने कहा, मंत्रिमंडल विस्तार के लिए हाईकमान की चिट्ठी का इंतजार किया जा रहा है। इतना तय है कि नए मंत्री इसी साल बनाए जाने हैं। वर्तमान में सुक्खू उत्तर भारत में कांग्रेस के शासन वाले अकेले राज्य के मुख्यमंत्री हैं। सीएम सुक्खू ने कहा, विपक्ष की ओर से गारंटियों पर लगातार सरकार की घेरेबंदी करना सही नहीं है। असल में भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं है। भाजपा नेताओं में एक-दूसरे के प्रति मतभेद हैं। जयराम ठाकुर की मर्जी के बगैर राजीव बिंदल भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष बने। बिंदल जब स्वास्थ्य मंत्री थे तो उन्हें षड्यंत्र के तहत निकाला गया। अब जयराम और बिंदल दोनों में एक स्पर्धा है। इससे विपक्षी दल में नेतृत्व का संकट हो गया है, जबकि कांग्रेस में एकजुटता है।