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कुंडू ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया है, जिसमें उन्होंने एक व्यवसायी पर दबाव बनाने की कोशिश करने के आरोप में उन्हें डीजीपी के पद से हटाने के निर्देश को वापस लेने की उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी संजय कुंडू ने उन्हें डीजीपी पद से हटाने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कुंडू ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया है, जिसमें उन्होंने एक व्यवसायी पर दबाव बनाने की कोशिश करने के आरोप में उन्हें डीजीपी के पद से हटाने के निर्देश को वापस लेने की उनकी याचिका खारिज कर दी थी। व्यवसायी ने उसके साझेदारों से उसकी जान को खतरा बताया था। अपील वकील गौरव गुप्ता द्वारा दायर की गई है और इसे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाना बाकी है।
9 जनवरी को कुंडू और कांगड़ा एसपी शालिनी अग्निहोत्री को झटका देते हुए हिमाचल उच्च न्यायालय ने 26 दिसंबर 2023 के अपने आदेश को वापस लेने की उनकी याचिका खारिज कर दी, जिसमें उनके स्थानांतरण का आदेश दिया गया था ताकि वे मामले में जांच को प्रभावित न करें। उच्च न्यायालय ने सीबीआई जांच के उनके अनुरोध को भी खारिज कर दिया था और दो सप्ताह के भीतर सभी एफआईआर में जांच का समन्वय करने के लिए महानिरीक्षक स्तर के अधिकारियों से युक्त एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन के निर्देश दिए थे।
दोनों अधिकारियों के आचरण को अस्वीकार करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा था कि “विवाद को सुलझाने का डीजीपी का प्रयास प्रथम दृष्टया उनकी शक्ति और अधिकार का एक रंगीन अभ्यास प्रतीत होता है”
इसने कहा था कि एक नागरिक विवाद में कुंडू का हस्तक्षेप अत्यधिक अनुचित था। यह भी पाया गया कि अग्निहोत्री की ओर से प्रथम दृष्टया कर्तव्य में लापरवाही हुई। बता दें, शीर्ष अदालत ने 3 जनवरी को उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें राज्य सरकार को उन्हें डीजीपी के पद से हटाने के लिए कहा गया था और उन्हें उच्च न्यायालय के समक्ष वापस बुलाने का आवेदन दायर करने को कहा था।