#स्वामी आदेश पुरी कार सेवा को गए थे अयोध्या, गोली लगने से हो गए अचेत…

Swami Aadesh Puri became emotional after receiving the invitation for Ram Lalla's pran pratishtha

आरएसएस विभाग प्रचारक दीपक कुमार, विहिप प्रांत सह विशेष संपर्क प्रमुख उदय पठानिया और उनके सहयोगियों ने उन्हें निमंत्रणपत्र सौंपा। स्वामी आदेशपुरी निमंत्रण पत्र प्राप्त करके भावुक हो गए। 

शिवशक्ति आश्रम तपोभूमि पनियाला के संचालक स्वामी आदेश पुरी अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में हिस्सा लेने जा रहे हैं।  आरएसएस विभाग प्रचारक दीपक कुमार, विहिप प्रांत सह विशेष संपर्क प्रमुख उदय पठानिया और उनके सहयोगियों ने उन्हें निमंत्रणपत्र सौंपा। स्वामी आदेशपुरी निमंत्रण पत्र प्राप्त करके भावुक हो गए। उनकी आंखों के सामने लालकृष्ण आडवाणी की 1990 की रामरथ यात्रा के दौरान घटित हुई घटना तरोताजा हो गई। कार सेवा के दौरान बाजू में गोली लगने से वह अचेत हो गए थे।

उन्होंने बताया कि अयोध्या में 1990 में कार सेवा के दौरान वह भी चार महात्माओं के साथ 28 अक्तूबर 1990 को अयोध्या में कार सेवा के लिए पहुंचे। उन्होंने जो दृश्य देखा, वह अत्यंत भयावह था। उपद्रवी लोग गली-मोहल्लों में स्थित घरों से लोगों को निकालकर गाड़ियों में डालकर सरयू नदी में डाल रहे थे। 30 अक्तूबर को जब वह अखिल भारतीय संत समिति के अध्यक्ष स्वामी वामदेव और अन्य साधुओं के साथ रामलला मंदिर से एक किलोमीटर पीछे अयोध्या की एक गली से निकल रहे थे।

तभी गोली चलने से भगदड़ मच गई। कई महात्मा और अन्य लोग जान से हाथ धो बैठे। उनकी दाएं बाजू पर गोली लग गई, जिससे वो अचेत हो गए। अयोध्या के आश्रम में उन्हें कौन ले गया, उन्हें मालूम नहीं पड़ा। कई दिन बाद होश आने के बाद खुद को एक आश्रम में पाया।  उन्होंने सभी लोगों से आग्रह किया कि 500 वर्ष के संघर्ष के बाद ऐतिहासिक शुभ घड़ी आई है। लोग घर-घर रामायण पाठ करें। 

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