एक तरफ़ वह अयोध्या में भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा का विरोध भी कर रहे हैं दूसरी तरफ़ भगवान श्रीराम की क़सम भी खा रहे हैं। कांग्रेस पार्टी ने भगवान राम जन्म क्षेत्र मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में नहीं जाने का निर्णय लिया हैं। कांग्रेस का यह निर्णय करोड़ों राम भक्तों की आस्था और श्रद्धा के विरुद्ध हैं।
कांग्रेस बीजेपी का विरोध करते-करते अब रामचंद्र जी का विरोध करने लगी है यह दुर्भाग्यपूर्ण हैं । राम का विरोध कांग्रेस को बहुत महंगा पड़ेगा । उन्होंने कहा कि भाजपा या संघ का विरोध कर सकते हैं, किन्तु रामचंद्र जी का विरोध सर्वथा अनुचित हैं । विक्रमादित्य जी को प्राण प्रतिष्ठा में जाना चाहिए।
प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में जाने का निमंत्रण बहुत सौभाग्यशाली और बहुत कम लोगों को मिला हैं। यह उनके सौभाग्य की बात हैं कि उन्हें इस पुण्य अवसर पर साक्षी होने का मौका मिल रहा हैं । कांग्रेस इस पुण्य कार्य में भी राजनीतिक दृष्टि से निर्णय कर रही हैं । यह किसी के व्यक्तिगत आस्था और श्रद्धा के प्रति कुठाराघात हैं ।
किसी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के महोत्सव में जाने से रोकना अनुचित हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हिमाचल के कांग्रेसी नेताओं में भगवान राम के प्रति अगर तनिक भी आस्था होती तो वे विरोध ना करते | कांग्रेस द्वारा भगवान श्री राम की मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का बहिष्कार श्रद्धा और आस्था के विरुद्ध हैं, इस फ़ैसले पर अपना ऐतराज़ जताते। लेकिन हिमाचल के किसी भी कांग्रेसी नेता कांग्रेस के इस कृत्य का विरोध नहीं किया।