
अगली बरसात के पांच माह बाकी रह गए हैं, लेकिन चक्कीमोड़ में अभी भी हाल काफी खराब है। यहां पर अस्थायी सड़क से ही वाहनों की आवाजाही चली हुई है। एक ही लेन से दोनों तरफ के वाहन आ और जा रहे हैं।
कालका-शिमला नेशनल हाईवे-पांच पर चक्कीमोड़ के पास सड़क निर्माण को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण सुस्ती दिखा रहा है। बरसात को छह माह बीत चुके हैं। अगली बरसात के पांच माह बाकी रह गए हैं, लेकिन चक्कीमोड़ में अभी भी हाल काफी खराब है। यहां पर अस्थायी सड़क से ही वाहनों की आवाजाही चली हुई है। एक ही लेन से दोनों तरफ के वाहन आ और जा रहे हैं। विशेषज्ञों की टीम भी चक्कीमोड़ का दौरा कर चुकी है। बावजूद कोई कदम अभी तक नहीं उठाया गया है।
हालांकि एनएचएआई की ओर से चक्कीमोड़ में फोरलेन में मरम्मत के लिए दो माह में कार्य पूरा करने का दावा किया था, लेकिन छह माह बाद भी सड़क की मरम्मत का कार्य अधर में लटका हुआ है। मिट्टी पर बनाई गई सड़क पर से हिचकोले खाते हुए वाहन निकल रहे हैं और इसे पक्का भी नहीं किया जा रहा है। यदि बारिश होती है तो लोगों को फिर परेशान होना पड़ेगा। इसी के साथ पहाड़ पर भी क्लाउडिंग कार्य शुरू न होने से भी मलबा और पत्थर के गिरने की संभावना बनी हुई है। वहीं अस्थायी सड़क पर वनवे ट्रैफिक के चलने से दुर्घटना होने की संभावना भी हर समय बनी रहती है।
गौर रहे कि कालका-शिमला नेशनल हाईवे-पांच पर चक्कीमोड़ के समीप एक अगस्त को बारिश के दौरान सड़क ढह गई थी। इसके बाद यहां से वाहनों की आवाजाही पूर्ण रूप से बंद हो गई। करीब एक सप्ताह के बाद यहां पर फोरलेन निर्माता कंपनी की ओर से पहाड़ से आई मिट्टी को हटाकर अस्थायी सड़क का निर्माण किया, लेकिन बीच-बीच में फिर से सड़क बंद होती रही।
पहाड़ पर पड़ी हैं दरारें
चक्कीमोड़ में पहाड़ पर करीब एक किलोमीटर के क्षेत्र में दरारें पड़ी हुई हैं। इससे बारिश के दिनों में यहां पर परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। सड़क के ठीक पीछे सुरंग भी बनी है। इसके अलावा बिजली बोर्ड का एचटी लाइन टावर भी है। अगर जल्द कार्य शुरू नहीं होता है तो दिक्कत आ सकती है। फोरलेन निर्माता कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि अभी तक कोई अनुमति एनएचएआई से नहीं आई है। जैसे ही अनुमति मिलती है वैसे ही कार्य को शुरू कर दिया जाएगा।
विशेषज्ञों की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। उसी आधार पर भविष्य को देखते हुए ड्राइंग भी तैयार की जाएगी। आगामी कुछ दिनों में रिपोर्ट आने की उम्मीद है। इसके बाद चक्कीमोड़ में कार्य शुरू करवाया जाएगा।