# एम्स बिलासपुर में लेप्रोस्कोपी से कोलन कैंसर के दो रोगियों का किया सफल ऑपरेशन|

Successful operation of two colon cancer patients conducted in AIIMS Bilaspur

बिलासपुर  में जनरल सर्जरी की टीम ने लेप्रोस्कोपी का उपयोग कर बड़ी आंत कैंसर(कोलन कैंसर) के दो रोगियों का सफल ऑपरेशन किया। आधुनिक सर्जिकल तकनीक का उपयोग करते हुए टीम ने रोगी देखभाल में उत्कृष्टता का प्रदर्शन किया। 

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) बिलासपुर  में जनरल सर्जरी की टीम ने लेप्रोस्कोपी का उपयोग कर बड़ी आंत कैंसर(कोलन कैंसर) के दो रोगियों का सफल ऑपरेशन किया। आधुनिक सर्जिकल तकनीक का उपयोग करते हुए टीम ने रोगी देखभाल में उत्कृष्टता का प्रदर्शन किया। दोनों मरीज अब सुरक्षित हैं। हालांकि, मरीज के निजी हितों को सुरक्षित रखते हुए प्रबंधन ने उनकी जानकारी साझा नहीं की। लेप्रोस्कोपी सर्जरी ने इन मरीजों के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके कारण मरीजों को ऑपरेशन के बाद असुविधा कम हुई। इस उपलब्धि ने एम्स बिलासपुर की अत्याधुनिक चिकित्सा पद्धतियों, स्वास्थ्य देखभाल नवाचार में अग्रणी के रूप में अपनी प्रतिष्ठा को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को साबित किया है। कोलन कैंसर एक प्रचलित और संभावित जीवनघातक बीमारी है। यह बड़ी आंत या मलाशय में उत्पन्न होती है। 

ऐसे कम करें कोलन कैंसर का खतरा
विशेषज्ञों का कहना है कि इसके उपचार के लिए निवारक उपायों, शीघ्र पता लगना और सार्वजनिक जागरूकता महत्वपूर्ण है। वहीं, फाइबर से भरपूर संतुलित आहार, नियमित

 व्यायाम और तंबाकू और अत्यधिक शराब के सेवन से परहेज सहित स्वस्थ जीवन शैली अपनाने से कोलन कैंसर का खतरा काफी कम हो जाता है। हल्दी का सेवन कोलन कैंसर में भी सुरक्षात्मक पाया जाता है। समय पर हस्तक्षेप के लिए शुरुआती लक्षणों और संकेतों को पहचानना महत्वपूर्ण है। 

ये हैं लक्षण
लक्षणों में आंत की आदतों में लगातार बदलाव, मल में खून, पेट में परेशानी और बिना कारण वजन कम होना शामिल हो सकते हैं। ऐसे लक्षणों का अनुभव करने वाले व्यक्तियों को तुरंत स्वास्थ्य देखभाल और विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए । एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मोहिम ठाकुर ने कहा कि इस बीमारी में कोलोनोस्कोपी जैसे नैदानिक तौर-तरीके इसका शीघ्र पता लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वहीं इसके लिए नियमित जांच की सिफारिश की जाती है। खासकर 50 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों या जिनके परिवार में इस बीमारी का इतिहास रहा हो, उन्हें इसके प्रति जागरूक रहना चाहिए।

यदि समय पर इसका पता चलता है तो सर्जरी, कीमोथेरेपी और लक्षित थेरेपी सहित इसके लिए विभिन्न उपचार के विकल्प मौजूद हैं। वहीं, लेप्रोस्कोपिक सर्जरी इसके इलाज में एक न्यूनतम इनवेसिव तकनीक प्रमुखता प्राप्त कर रही है। जिससे रिकवरी में कम समय लगता है और ऑपरेशन का छोटा निशान बनता है। कहा कि प्रारंभिक चरण के कोलन कैंसर के लिए जीवित रहने की दर आशाजनक है। कहा कि समय पर इसका पता लगना और सही इलाज मिलने से जिंदगी सुरक्षित होगी।

विशेषज्ञों की इस टीम ने किया ऑपरेशन
एम्स के तीन सर्जन की टीम ने दो मरीजों के कोलन कैंसर का सफल ऑपरेशन किया है। सर्जन की टीम में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मोहिम ठाकुर, सहायक प्रोफेसर डॉ. सौम्या चोपड़ा,  सीनियर रेजिडेंट डॉ. आदित्य राउत शामिल रहे। एनेस्थीसिया टीम में डॉ. सुनील ठाकुर,सीनियर रेजिडेंट डॉ. पूजा शामिल रहे।

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