# बागवान और पर्यटन कारोबारी हुए निराश, औद्योगिक घरानों को आम बजट उम्मीद|

Interim Budget: Gardeners and tourism businessmen disappointed, industrial houses hopeful

प्रदेश के किसान, बागवानों को चुनावों से पहले पेश किए गए बजट में किसान सम्मान निधि में बढ़ोतरी की उम्मीद थी। बागवान विदेशी सेब पर आयात शुल्क 100 फीसदी करने की उम्मीद लगाए बैठे थे। 

लोकसभा चुनावों से पहले केंद्र सरकार के अंतरिम बजट से हिमाचल के किसान बागवानों और पर्यटन कारोबारियों को निराशा हाथ लगी है। हालांकि, हिमाचल के औद्योगिक घराने जुलाई में पेश होने वाले आम बजट से उम्मीद लगाए बैठे हैं। प्रदेश के किसान, बागवानों को चुनावों से पहले पेश किए गए बजट में किसान सम्मान निधि में बढ़ोतरी की उम्मीद थी। बागवान विदेशी सेब पर आयात शुल्क 100 फीसदी करने की उम्मीद लगाए बैठे थे। ऐसा कोई एलान नहीं हुआ।

पर्यटन विकास के लिए विदेशी निवेश को बढ़ावा देने की घोषणा को लेकर पर्यटन कारोबारी जहां उत्साहित हैं, वहीं चिंता भी जता रहे हैं। पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए हिमाचल के पर्यावरण को ताक पर नहीं रखा जाना चाहिए। अंतरिम बजट में जीएसटी काउंसिल के उद्योग विरोधी निर्णयों पर अंकुश और ईमानदारी से जीएसटी भुगतान करने वालों को प्रोत्साहन से संबंधित घोषणा की उम्मीद भी पूरी नहीं हो पाई है। पिछले साल बजट में कालका-शिमला हैरिटेज ट्रैक पर हाइड्रोजन ट्रेन संचालन शुरू करने का एलान किया गया था, जो सिरे नहीं चढ़ सका।

विशेष पैकेज सहित और कई मांगें रह गईं अधूरी
किसान-बागवानों के लिए केंद्र का अंतरिम बजट निराशाजनक रहा है। किसान सम्मान निधि 6,000 से 18,000 रुपये करने, उपकरणों पर जीएसटी माफ करने, किसानों का कर्जा और ब्याज माफ करने, विदेशी सेब पर आयात शुल्क 100 फीसदी करने और पहाड़ी राज्यों के लिए विशेष पैकेज जारी करने में से एक भी मांग पूरी नहीं हुई है।– हरीश चाैहान, संयोजक, संयुक्त किसान मंच

एमआईएस की अनदेखी, कॉरपोरेट बजट : सोहन
केंद्र के अंतरिम बजट में एमआईएस की फिर अनदेखी हुई है। बीते साल केंद्र ने अपने हिस्से की कटौती थी। कॉरपोरेट परस्त बजट में सामान्य सेब उत्पादकों के स्थान पर निजी घरानों के हित साधे गए हैं। दलहन और तिलहन को बढ़ावा देने के नाम पर भ्रमित किया है। डेयरी और मत्स्य को लेकर घोषणा में भी वैज्ञानिक सोच नहीं दिखी।– सोहन सिंह ठाकुर, अध्यक्ष, सेब उत्पादक संघ

हवाई सुविधा की अनदेखी, टूरिज्म पैकेज भी नहीं : गजेंद्र

हिमाचल में पर्यटन विकास के लिए हवाई सुविधा में विस्तार की जरूरत है लेकिन अंतरिम बजट में ऐसा कोई ऐलान नहीं हुआ है। कुल्लू मनाली सहित अन्य एयरपोर्ट का विस्तार जरूरी है। पहाड़ी राज्यों में पर्यटन विकास के लिए किसी पैकेज की भी घोषणा नहीं हुई है। विदेशी निवेश सही है पर पर्यावरण को ताक पर नहीं रखा जाना चाहिए।– गजेंद्र ठाकुर, अध्यक्ष, फेडरेशन ऑफ हिमाचल होटल एंड रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन

ब्याज दरों में कटौती, महंगाई पर अंकुश जरूरी : शैलेश
औद्योगिक विकास के लिए ब्याज दरों में कटौती और महंगाई पर अंकुश जरूरी है। अंतरिम बजट से अधिक उम्मीद नहीं थी लेकिन आम बजट में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार, एमएसएमई पालिसी के तहत औद्योगिक वर्गीकरण का पुर्ननिर्धारण, जीएसटी काउंसिल के फैसलों का सरलीकरण और ईमानदारी से जीएसटी देने वालों को प्रोत्साहन जरूरी है।– शैलेश अग्रवाल, संरक्षक, बीबीएन उद्योग संघ

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