केलांग. आए दिन आप भ्रूण हत्या और नवजात बेटी को छोड़ने की खबरें पढ़ते रहते हैं. बेटों के चक्कर में लोग भ्रूण हत्या जैसे कृत्य करते हैं. लेकिन भारत के पहाड़ी राज्य हिमाचल में एक ऐसा गांव हैं, जहां पर बेटी पैदा होने पर ग्रामीण जश्न मनाते हैं. बेटियों के लिए गांव में खास उत्सव मनाया जाता है, जिसे गोची उत्सव कहते हैं.
जानकारी के अनुसार, हिमाचल प्रदेश के जिला लाहौल स्पीति का यह प्यूकर गांव हैं. प्यूकर गांव में बेटी के जन्म को बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया जाता है. लाहौल स्पीति के के गाहर घाटी में विभिन्न गांवों में उत्सव मनता है. पुत्र रत्न की प्राप्ति पर गोचा उत्सव को मनाया जाता है. घाटी का प्यूकर गांव गांव घाटी के आराध्य देव तगजेर का निवास स्थान है. भागा नदी के वाम तट पर प्यूकर गांव है.
चन्द्रमा के गणना के अनुसार, हालडा उत्सव के बाद एक खास दिन को निर्धारित किया जाता है. सर्दियों के दिनों में मनाए जाने वाले इस उत्सव में गांव के लोग परम्पारिक वेशभूषा धारण कर निर्धारित स्थान पर जाते है, जहं पर विशेष पूजा की जाती है. विशेष पूजा में शामिल पुरुष रंगबिरंगी वेशभूषा और आभूषणों से सजी महिलाएं जश्न मनाती है. करीब तीन दिन तक चलने वाले इस उत्सव में गांवों वालों के साथ रिश्तेदारों को भी निमंत्रण दिया जाता है.
कितनी बेटियां पैदा हुई?
उत्सव के दौरान बेटी की खुशहाली और अच्छे भविष्य के लिए ईष्ट देवता की पूजा अर्चना की जाती है. घाटी के आराध्य देवी देवताओं के लिए सत्तू के आटे का शिवलिंग बना कर विशेष-पूजा अर्चना करते है. बाद में गांव में शाम को निश्चित स्थान पर तीर-कमान का खेल आयोजित होता है. साथ ही सामूहिक नृत्य की धूम रहती है. गौरतलब है कि इस साल प्यूकर गांव में तीन बेटियों का जन्म हुआ है, जबकि वर्ष 2023 में 2 बेटियां तथा 2022 में दो बेटियों ने जन्म लिया था.