अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के दौरान इस वर्ष भी बाबा भूतनाथ की भव्य जलेब निकाली जाएगी। इस जलेब में देवभूमि हिमाचल प्रदेश के तमाम शिवालयों के अनुयायियों को विशेष तौर पर आमंत्रित किया जाएगा। पिछले साल शिवरात्रि महोत्सव के दौरान बाबा भूतनाथ की जलेब की शुरुआत की गई थी।
बाबा भूतनाथ की जलेब को लेकर मंदिर में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। वहीं बाबा भूतनाथ के घृत मंडल श्रृंगार की रस्मों को लेकर भी मंदिर में तैयारियां जोरों-शोरों पर चली हुई हैं। बाबा भूतनाथ स्वयंभू शिवलिंग के लिए 100 किलोमीटर के दायरे से मक्खन लाया जाएगा और अभी तक लगभग 15 किलो के करीब मक्खन आ भी चुका है।
8 फरवरी तारा रात्रि की मध्यरात्रि से बाबा का माखन लेप से घृत मंडल श्रृंगार किया जाएगा। पहले दिन 21 किलो मक्खन से बाबा का शृंगार किया जाएगा। एक माह तक हर दिन अलग-अलग रूपों में बाबा का शृंगार होगा। इस दौरान शिवलिंग का जलाभिषेक नहीं होगा
। केवल घृतमंडल रूपी मक्खन ही बाबा को चढ़ाया जाएगा। बाबा भूतनाथ मठ मंदिर महंत देवानंद सरस्वती ने कहा कि करीब एक सौ किलोमीटर के दायरे से शिवभक्त शुद्ध मक्खन एकत्रित कर रहे हैं। भूतनाथ मंदिर में शिवलिंग पर आठ फरवरी को तारा रात्रि के दिन शिवलिंग पर मंदिर के पुजारी व अन्य श्रद्धालु मक्खन चढ़ाएंगे।
बता दें कि मंडी शहर के अधिष्ठाता बाबा भूतनाथ को माखन लेप चढ़ाने की परंपरा का इतिहास सदियों पुराना है। मान्यता है कि मक्खन चढ़ाने की परंपरा 1527 ई. से मंडी नगर की स्थापना से चली आ रही है। इस बार शिवरात्रि महोत्सव 8 मार्च को मनाया जा रहा है।
शिवरात्रि से ठीक एक माह पहले बाबा भूतनाथ मठ मंदिर में घृत मंडल श्रृंगार की रस्में शुरू हो जाती हैं। तारा रात्रि की मध्य रात्रि को बाबा भूतनाथ का घृत मंडल के रूप में श्रृंगार किया जाएगा, जिसके बाद एक महीने तक बाबा भूतनाथ का देश के प्रमुख शिवालयों के रूप में श्रृंगार होगा और इस दौरान बाबा का जलाभिषेक नहीं किया जाता है।