एसएमसी शिक्षकों ने नियमितीकरण और नियमित किए जाने के लिए स्थायी नीति बनाने की मांग को लेकर राजधानी में जारी क्रमिक अनशन के बाद गुरुवार से शिक्षकों ने पढ़ाने का काम बंद कर दिया है।
सरकारी स्कूलों में 15-15 साल से रिक्त पदों पर तैनात एसएमसी शिक्षकों ने नियमितीकरण और नियमित किए जाने के लिए स्थायी नीति बनाने की मांग को लेकर राजधानी में जारी क्रमिक अनशन के बाद गुरुवार से शिक्षकों ने पढ़ाने का काम बंद कर दिया है।
प्रदेश भर में सेवारत करीब 2,500 शिक्षकों ने अपनी मांग और आंदोलन की पूर्व में तय की गई रूपरेखा के अनुसार पेन डाउन स्ट्राइक शुरू कर दी है। इस दौरान शिक्षक स्कूल में मौजद रहे, लेकिन पढ़ाने का कार्य नहीं किया। संघ के अध्यक्ष सुनील शर्मा और प्रवक्ता निर्मल ठाकुर ने कहा कि शिक्षक पढ़ाने का कार्य नहीं करेंगे। शिमला में सीटीओ के बाहर अपनी मांग को लेकर चल रहे क्रमिक अनशन को जारी रखा जाएगा।
इन शिक्षक नेताओं ने कहा कि उनकी मांग को लेकर गठित कैबिनेट सब कमेटी की सचिवालय में बुधवार को बैठक होने की सूचना है। इसके लिए उन्होंने सरकार और कमेटी में शामिल शिक्षा मंत्री अन्य मंत्रियों का आभार जताया है। संघ नेताओं ने कहा इस बैठक में उनके हक में कोई फैसला हुआ है या नहीं इसकी सरकार की ओर से संघ को कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है। इसलिए उनका यह आंदोलन मांग पूरी होने तक जारी रहेगा।
सरकार इस मामले पर फैसला लेगी और सीधे उनसे बात करेगी, उसके बाद ही आंदोलन में कोई बदलाव किया जा सकता है। वे अपनी इस सालों से लंबित मांग को मनवाने के लिए आंदोलन को यूं ही जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर के दूरदराज क्षेत्रों में रिक्त पदों पर सेवाएं दे रहे एसएमसी स्कूल शिक्षक वीरवार से पढ़ाने का कार्य नहीं करेंगे। एसएमसी शिक्षकों ने 27 जनवरी से सीटीओ के बाहर क्रमिक अनशन शुरू किया था। इस बीच बर्फबारी, तूफान बारिश के बीच भी शिक्षक हवा घर में क्रमिक अनशन पर डटे रहे। यही क्रम आगे भी जारी रहेगा।