# हिमाचल में यूनिवर्सल कार्टन पर जीएसटी में छूट, सभी फसलों के लिए मिले एमएसपी|

Himachal Budget 2024: GST exemption on universal carton, MSP for all crops

बागवान बजट में यूनिवर्सल कार्टन पर जीएसटी में छूट की अपेक्षा कर रहे हैं। सूबे के किसान सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) घोषित करने की मांग उठा रहे हैं। 

हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस साल से सेब पैकिंग के लिए यूनिवर्सल कार्टन लागू करने का फैसला लिया है। बागवान बजट में यूनिवर्सल कार्टन पर जीएसटी में छूट की अपेक्षा कर रहे हैं। सूबे के किसान सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) घोषित करने की मांग उठा रहे हैं। लोकसभा चुनावों से पहले पेश होने वाले प्रदेश सरकार से बजट से किसान-बागवानों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।

सरकार ने टेलिस्कोपिक कार्टन बंद करने का निर्णय लिया है जिसके चलते सेब की पैकिंग यूनिवर्सल कार्टन में होगी। सरकार अगर यूनिवर्सल कार्टन पर जीएसटी माफ करती है तो दाम घटने से बागवान इसके लिए प्रोत्साहित होंगे। किसान बागवान अपनी फसलों के भंडारण के लिए छोटे सीए स्टोर के निर्माण को सरकार से अनुदान के प्रावधान की भी उम्मीद कर रहे हैं, ताकि मंडियों में दाम गिरने पर फसलों को सीए स्टोर में रखा जा सके और दाम सुधरने पर बाजारों में उतारने की सुविधा मिले। 

गुणवत्ता और विपणन में सुधार जरूरी
बागवानी विभाग के सेवानिवृत संयुक्त निदेशक डाॅ. देशराज का कहना है कि सेब की गुणवत्ता और विपणन में सुधार तथा उत्पादन बढ़ाना बेहद जरूरी है। सरकार को एंटी हेलनेट पर अनुदान में बढ़ोतरी करनी चाहिए। हर साल ओलों की मार से सेब की फसल को भारी नुकसान होता है। एंटी हेलनेट का प्रयोग कर 70 से 80 फीसदी फसल को नुकसान से बचाया जा सकता है। छोटे सीए स्टोर और प्रोसेसिंग यूनिट के निर्माण को प्रोत्साहन देने की जरूरत है।

बगीचों की फेंसिंग को अनुदान दे सरकार 
प्रोग्रेसिव ग्रोवर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष आशुतोष चौहान ने कहा कि छोटे सीए स्टोर और पैकेजिंग हाउस के संचालन के लिए सोलर प्लांट लगाने पर बागवानों को अनुदान मिलना चाहिए। किसान-बागवानों और स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों के विपणन में एचपीएमसी के माध्यम से मदद देने की व्यवस्था होनी चाहिए। बगीचों की फेंसिंग के लिए बागवानों को लोहे के एंगल पर सरकार की ओर से अनुदान दिया जाना चाहिए। 

80, 60, 40 न्यूनतम मूल्य लागू हो
संयुक्त किसान मंच के सह संयोजक संजय चौहान ने कहा कि सेब की गुणवत्ता और उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार को विश्वविद्यालयों में शोध के लिए बजट प्रावधान करना चाहिए। खाद और दवाओं पर सब्सिडी बहाल होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र ने एमआईएस के लिए बजट खत्म कर दिया है, प्रदेश सरकार इस मद के लिए बजट प्रावधान करें। ए, बी, सी श्रेणी के सेब के लिए 80, 60 और 40 रुपये किलो न्यूनतम मूल्य लागू किया जाए। 

किसानों-बागवानों को बजट से अपेक्षाएं
 कीटनाशकों और फफूंदनाशकों पर अनुदान में बढ़ोतरी की जाए। 
 प्रदेश में बागवानी के विकास के लिए सरकार की ओर से बागवानी नीति बनाई जाए। 
  सस्ती दरों पर उपलब्ध करवाए जाएं उच्च गुणवत्ता के पौधे।
 आपदा को देखते हुए किसान-बागवानों के कर्जे और ब्याज माफ करे सरकारष 
 मंडी मध्यस्थता योजना के लिए बजट का प्रावधान किया जाए।

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