
भानुपल्ली-बैरी-लेह रेललाइन के निर्माण के लिए समुदाय के लोगों ने पूर्वजों की 15 कब्रें खुदवाकर उन्हें सम्मान के साथ दूसरी जगह शिफ्ट किया।
उत्तराखंड के हल्द्वानी की घटना से इतर बिलासपुर के मुस्लिम समुदाय ने विकास के लिए मिसाल पेश की है। भानुपल्ली-बैरी-लेह रेललाइन के निर्माण के लिए समुदाय के लोगों ने पूर्वजों की 15 कब्रें खुदवाकर उन्हें सम्मान के साथ दूसरी जगह शिफ्ट किया। कंपनी अधिकारियों के साथ वार्ता के बाद संयुक्त निर्णय के बाद सोमवार को ऐसा किया गया, ताकि रेल लाइन निर्माण में कोई बाधा न आए। भानुपल्ली-बैरी-लेह रेल लाइन का कार्य बिलासपुर में तेजी से चल रहा है।
इसमें सामने आ रही समस्याओं का समाधान भी किया जा रहा है। यह रेल लाइन लुहणू मैदान के पास बने कब्रिस्तान के साथ गुजर रही है। इस निर्माण कार्य के बीच कब्रिस्तान का कुछ भाग आ रहा था। ऐसे में रेल निर्माण कंपनी के अधिकारियों और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने आपसी वार्ता से ट्रैक के रास्ते में आने वाली कब्रों को हटाने का निर्णय लिया। इस्लाम धर्म की रस्मों को निभाते हुए 15 कब्रों को शिफ्ट कर दिया गया।
धर्म से बढ़कर देश
जामा मस्जिद कमेटी के प्रधान हारुन मोहम्मद ने कहा के धर्म से बढ़कर देश है। रेल लाइन सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण परियोजना है। इसके लिए निर्माण में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं आनी चाहिए। इस अवसर पर मोहम्मद रफी, हाजी अब्दुल रजाक, हाजी अख्तर अली, यामीन, रिशु, मौलाना असरान मुजाहिरी, बिलासपुर मुस्लिम वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष नसीम मोहम्मद, कंपनी अधिकारी अनमोल तिवारी, दिलशाद मोहम्मद और जय प्रकाश मौजूद रहे।