# आईजीएमसी शिमला में किया गया जटिल ऑपरेशन, बच्चे को था जन्मजात ह्रदय दोष|

Complex operation done in IGMC Shimla, child had congenital heart defect

हिमाचल के आईजीएमसी अस्पताल में टीजीए (ट्रांसपोजिशिन ऑफ ग्रेट आरर्टीज) का पहली बार सफल ऑपरेशन किया है। अस्पताल में सीटीवीएस विभाग के डॉक्टरों की टीम ने पांच घंटो में यह ऑपरेशन किया है। वहीं अब मरीज की हालत में सुधार है। अस्पताल से एक से दो दिनों के भीतर मरीज को छुट्टी दी जा सकती है। सीटीवीएस विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सुधीर मेहता ने बताया कि जिला शिमला के ठेयोग तहसील के रहने वाले 9 साल के बच्चे को जन्मजात ह्रदय दोष था।

सामान्य बच्चों के मुकाबले उसका शारीरिक विकास काफी कम था। जबकि खेलकूद की क्रीड़ाओं के दौरान वह जल्दी थक जाता था। इसके अलावा होंठ, हाथों की ऊंगलिया नीली पड़ जाती थी। ऐसे में जब समस्या अधिक बढ़ी तो बच्चे के अभिभावक इलाज के लिए आईजीएमसी लाए। यहां पर कार्डियोलॉजी विभाग में बच्चे की जांच की। जिसके बाद बच्चे को सीटीवीएस विभाग भेजा गया। यहां पर जांच के बाद बच्चे का ऑपरेशन किया गया। करीब पांच घंटों के बाद बच्चे का सफल ऑपरेशन हुआ। वहीं अब बच्चे की हालत में सुधार है।

शरीर में कम मात्रा में जा रहा था ऑक्सीजन
बच्चे के ब्रेन, किडनी, बाजू, हाथ, आतंड़ियों में कम ऑक्सीजन वाला खून सप्लाई हो रहा था। इस वजह से बच्चे को दिक्कतें बढ़ रही थी। चिकित्सकों की मानें तो इसका ऑपरेशन जन्म के 10 दिन से लेकर एक महीने तक हो जाना चाहिए। यही वजह है कि लंबे समय तक ऑपरेशन न होने के कारण बच्चे का भार 20 किलोग्राम ही रहा।

इस टीम ने किया ऑपरेशन
 आईजीएमसी में सीटीवीएस विभाग के अध्यक्ष डॉ. सुधीर मेहता, डॉ. सीमा पंवर, डॉ. कुनाल, एनेस्थीसिया से डॉ. कमल प्रकाश शर्मा, ह्रदय रोग डॉ. दिनेश बिष्ट, ओटी स्टाफ नर्स रीना ठाकुर, ज्योति शर्मा, मीना, किरन, आईसीय स्टाफ नर्स नेह, मनीषा, चंचल, ईशा और परफ्युनिस्ट स्मृति ने ऑपरेशन में सहयोग दिया।

क्या होता है टीजीए
 बच्चे के जन्म के बाद ह्रदयदोष टीजीए (ट्रांसपोजिशिन ऑफ ग्रेट आरर्टीज) यानि की बड़ी धमनियों के स्थानान्तरण का सीटीवीएस विभाग द्वारा सर्जरी की जाती है। चूंकि इस बीमारी में मरीज के शरीर में कम ऑक्सीजन (साफ खून) वाले खून की सप्लाई होती है, ऐसे में सर्जरी के माध्यम से इसे ठीक किया जाता है।

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