मंडी जिला के कोटली उपमंडल के तहत आने वाले कुटल गांव की 28 वर्षीय सुमन कुमारी ने बीएसएफ में देश की पहली महिला स्नाइपर बनकर इतिहास रच दिया है। इससे पहले देश में बीएसएफ में कोई भी महिला स्नाइपर नहीं है। सुमन की इस कामयाबी से जहां उनके परिवार, गांव और क्षेत्र में खुशी की लहर है, वहीं प्रदेश और देश को भी बेटी के इस शौर्य पर नाज हो रहा है।
खास बात यह भी है कि 56 पुरूषों के दल में सुमन अकेली महिला थी, जिसने स्नाइपर की ट्रेनिंग हासिल की और अपनी बहादुरी का लोहा मनवाया। 8 हफ्तों की यह कठिन ट्रेनिंग सीमा सुरक्षा बल के इंदौर स्थित केंद्रीय आयुध एवं युद्ध कौशल विद्यालय में दी गई।
सुमन 2021 में बीएसएफ में भर्ती हुई थी और मौजूदा समय में बीएसएफ की पंजाब यूनिट में सब इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत है। पंजाब में एक प्लाटून की कमान संभालते हुए सरहद पार से स्नाइपर हमलों के खतरे का अहसास होने के बाद सुमन ने स्नाइपर कोर्स का संकल्प लिया। सुमन ने स्वेच्छा से स्नाइपर कोर्स के लिए आवेदन किया था। सीनियर ने भी उसकी बहादुरी को देखते हुए उसका मनोबल बढ़ाया और कोर्स के लिए मंजूरी दी।
प्रशिक्षित स्नाइपर बेहद कठिन प्रशिक्षण के बाद निर्धारित दूरी से एसएसजी समेत अन्य बंदूकों से सटीक निशाना लगाने में सक्षम होते हैं। इन्हें दुर्गम परिस्थितियों में अपनी पहचान छुपाकर कार्रवाई करने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाता है। तीन किलोमीटर से भी ज्यादा दूरी से दुश्मन पर अचूक निशाना लगा सकने में सक्षम होते हैं। प्रशिक्षण में कठिन से कठिन पड़ाव में सुमन ने हिम्मत नहीं हारी और आखिर तक डटी रहीं। आठ सप्ताह के कठिन बीएसएफ स्नाइपर कोर्स में इंस्ट्रक्टर ग्रेड पाने वाली पहली महिला का खिताब भी सुमन कुमारी के नाम हो गया है।
सुमन की माता माया देवी व पिता दिनेश ठाकुर ने कहा कि उन्हें बेटी की उपलब्धि पर नाज है। आज पूरा देश उन्हें बेटी की बहादुरी की वजह से जान रहा है। बता दें कि सुमन के पिता इलेक्ट्रिकल ठेकेदार हैं, जबकि माता गृहिणी हैं। उनकी एक बहन सुषमा ठाकुर डॉक्टर हैं तो भाई विक्रांत ठाकुर बीटेक इलेक्ट्रिकल पास हैं।