कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के मुद्दों को हल करवाने के लिए कपूर ने केंद्र सरकार से पैरवी की। गगल एयरपोर्ट विस्तारीकरण, केंद्रीय विवि और फोरलेन को धरातल पर उतरवाने की प्रक्रिया को गति दी। कांगड़ा में महान सपूतों के स्मारकों के लिए सांसद निधि से करीब सवा करोड़ की धनराशि उपलब्ध करवाई।
देश में सर्वाधिक मत प्रतिशतता के साथ 2019 का चुनाव जीतने वाले किशन कपूर का सांसद के तौर पर कार्यकाल मिलाजुला रहा। कपूर ने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के पवन काजल को 4,77,623 मतों से शिकस्त दी थी। कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के मुद्दों को हल करवाने के लिए कपूर ने केंद्र सरकार से पैरवी की। गगल एयरपोर्ट विस्तारीकरण, केंद्रीय विवि और फोरलेन को धरातल पर उतरवाने की प्रक्रिया को गति दी। कांगड़ा में महान सपूतों के स्मारकों के लिए सांसद निधि से करीब सवा करोड़ की धनराशि उपलब्ध करवाई। हालांकि वे रेल सेवा विस्तार और पौंग बांध विस्थापितों की पुरानी मांगों पर कुछ खास नहीं कर पाए।
गोद ली सिर्फ एक पंचायत में काम, बाकी कहीं नहीं
किशन कपूर ने ग्राम पंचायत जूहल, इंदौरा की सूरजपुर, सोलदा पंचायत और चंबा जिले की मंगला और मेल गांव को गोद लिया। जूहल में कई काम चले हैं और कई प्रगति पर हैं। इसके अलावा सोलदा, मंगला, मेल और सूरजपुर में कहीं भी विकास कार्य न होने से पंचायत प्रतिनिधि खफा हैं। सूरजपुर पंचायत को तो अब तक कोई पैसा नहगीं मिला।
किशन कपूर
उम्र- 73 वर्ष
संसद में उपस्थिति 132 दिन
संसद में अनुपस्थित 23 दिन
प्रश्न पूछे 40
वाद-विवाद में हिस्सा 05
बिल पर चर्चा 0
पीएमजीएसवाई में कांगड़ा के लिए 839.50 करोड़, जबकि चंबा के लिए 226 करोड़ रुपये स्वीकृत करवाए। जल जीवन मिशन के तहत 1320 करोड़ रुपये मंजूर करवाए। सांसद निधि के तहत कांगड़ा में 8.23 करोड़, चंबा में 2.34 करोड़ रुपये जारी किए।
ये काम करवाए
गगल एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए करवाया काम।
जदरांगल में केंद्रीय विवि के कैंपस के लिए भूमि का चयन करवाया।
मटौर से शिमला और पठानकोट से मंडी फोरलेन का निर्माण।
696 विकास कार्यों के लिए 17 करोड़ किए जारी।
शहीद स्मारकों और जीर्णोद्धार के लिए 1.20 करोड़ जारी किए।
ये काम नहीं हुए पूरे
डाढ में सीयू कैंपस का अभी तक निर्माण नहीं हो पाया है।
पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेलवे ट्रैक ब्रॉडगेज नहीं हुआ।
कांगड़ा-चंबा की उतराला-होली सड़क का काम अधूरा।
चंबा का सीमेंट कारखाना घोषणाओं तक सीमित।
पाैंग बांध विस्थापितों का मुद्दा नहीं सुलझ पाया।
वर्ष सांसद निधि मिली खर्च राशि स्वीकृति कार्य पूरे हुए
2019-20 2.50 करोड़ 2.01 करोड़ 65 49
2020-21 2.50 करोड़ 1.18 करोड 47 21
2021-22 2 करोड़ 1.96 करोड़ 69 14
2022-23 5 करोड़ 1 करोड़ 45 07
2023-24 5 करोड़ 60 लाख 47 —
सांसद जनता को हक दिलाने में असमर्थ रहे हैं। मेरे विधानसभा क्षेत्र के सोलदा गांव को भाजपा सांसद ने गोद लिया लेकिन वे कभी यहां नहीं आए। न ही इस गांव में उन्होंने कोई विकास के कार्य करवाए। सांसद निधि का कोई पता नहीं वह कहां और किसे देते रहे। पठानकोट से रानीताल रेलवे ट्रैक लंबे समय से बंद है लेकिन, इसे बहाल करवाने का उन्होंने प्रयास तक नहीं किया। सांसद ने आपदा में केंद्र से आवाज तक नहीं उठाई।