# राज्यसभा चुनाव में वोटों की खरीद-फरोख्त मामले में आरोपियों को तलब करेगी पुलिस|

Police will summon the accused in the case of vote buying and selling in Rajya Sabha elections

 बालूगंज थाना पुलिस जल्द ही मामले में हमीरपुर से निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा और बागी कांग्रेस विधायक चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा को पूछताछ के लिए तलब करेगी। 

हिमाचल में सरकार गिराने और विधायकों की खरीद-फरोख्त की साजिश रचने के आरोपों की पुलिस ने जांच तेज कर दी है। बालूगंज थाना पुलिस जल्द ही मामले में हमीरपुर से निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा और बागी कांग्रेस विधायक चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा को पूछताछ के लिए तलब करेगी।

बीते दिन प्रदेश हाईकोर्ट ने कांग्रेस के बागी विधायक चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा और निर्दलीय विधायक आशीष को अंतरिम जमानत दी है। इन्हें 15 मार्च को बालूगंज थाना में हाजिर होने के भी आदेश दिए हैं। उच्च न्यायालय में मामले की अगली सुनवाई 20 मार्च को होगी।

बता दें कि यह मामला कांग्रेस के दो विधायकों संजय अवस्थी और भुवनेश्वर गौड़ ने दर्ज करवाया है। इन दोनों के खिलाफ सरकार को गिराने के लिए षड्यंत्र रचने, विधायकों की खरीद-फरोख्त की साजिश रचने का आरोप है। एफआईआर में अज्ञात लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। एसआईटी मामले की जांच कर रही है। चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव रह चुके हैं।

इनके षड्यंत्र से सरकार पर आया संकट
सरकार का दावा है कि विधानसभा बजट सत्र के दौरान 15 से 29 फरवरी तक इनके षड्यंत्र के कारण बहुमत वाली हिमाचल सरकार पर संकट आया है। बहुमत के बावजूद कांग्रेस बीते 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव हार गई। कांग्रेस ने अभिषेक मनु सिंघवी को प्रत्याशी बनाया था। यहां कुल 68 सीटें हैं। कांग्रेस के पास 40 विधायकों की वजह से बहुमत था।

भाजपा के पास 25 विधायक थे, जबकि 3 निर्दलीय विधायक हैं। भाजपा ने हर्ष महाजन को कैंडिडेट बनाया था। जब चुनाव हुआ तो 6 कांग्रेसी और 3 निर्दलीय विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। इस वजह से भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी के 34-34 वोट मिले। इसके बाद लॉटरी से भाजपा के हर्ष महाजन चुनाव जीत गए।

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