
प्रश्नपत्र लीक मामले में कई पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सीबीआई ने अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए कहा है।
पुलिस कांस्टेबल भर्ती प्रश्नपत्र लीक मामले में कई पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सीबीआई ने अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए कहा है। इसकी रिपोर्ट प्रदेश सरकार के पास पहुंच गई है। अब गृह विभाग आगामी प्रकिया अमल में लाएगा।
इस मामले में सीबीआई ने प्रदेश पुलिस के तत्कालीन पुलिस कर्मियों की ओर से ड्यूटी के दौरान कथित चूक और लापरवाही का खुलासा किया है। ऐसे में सीबीआई ने उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की है। अब सरकार को इस मामले में आगामी निर्णय लेना है। प्रदेश की पूर्व भाजपा सरकार में पुलिस कांस्टेबल के 1334 पदों को लेकर 27 मार्च 2022 को परीक्षा हुई।
इसके बाद पेपर लीक होने का खुलासा हुआ। सरकार ने परीक्षा रद्द कर दी थी। इस मामले में सरकार ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। इसके बाद इस मामले की जांच सीआईडी की ओर से भी की गई और प्रदेश के साथ ही बाहरी राज्यों में दबिश देकर कई साक्ष्य जुटाए। 180 से अधिक आरोपियों के खिलाफ अदालत में चालान पेश किए।
उस समय हिमाचल में कांग्रेस पार्टी विपक्ष में थी, उन्होंने मामले की जांच सीबीआई से कराने का मामला उठाया। अब इसकी जांच सीबीआई कर रही है। सीबीआई ने कांगड़ा के गगल में 5 मई 2022 और थाना सीआईडी शिमला में 7 मई 2022 को दर्ज हुए केस में अपने हाथ में लिया और बीते दिन ही 88 आरोपियों के खिलाफ 2 आरोप पत्र अदालत में दायर किए गए
अन्य विभागों के कर्मियों की भी पाई गई संलिप्तता
शिमला। पेपर लीक मामले की जांच पड़ताल में विभिन्न विभागों में कार्यरत सरकारी मुलाजिमों की संलिप्तता भी पाई गई है। इनमें भारतीय रेलवे, हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग के तत्कालीन कुछ लोक सेवकों की भूमिका, बिजली बोर्ड के तत्कालीन जेई और जेओए चंडीगढ़ के तत्कालीन कांस्टेबल और दिल्ली सरकार के तत्कालीन कर्मी, पूर्व सैनिक और डिफेंस अकाउंट एवं ऑडिट के तत्कालीन कर्मी शामिल हैं।