भाजपा विधायकों ने जवाब में कहा कि जब सदन की बैठक से 15 सदस्यों को निलंबित किया जा चुका था तो दोबारा से नौ विधायकों को नोटिस भेजने का कोई औचित्य नहीं है।
भाजपा के नौ विधायकों ने राज्य विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया को सोमवार को नोटिस का जवाब दे दिया। भाजपा विधायकों ने जवाब में कहा कि जब सदन की बैठक से 15 सदस्यों को निलंबित किया जा चुका था तो दोबारा से नौ विधायकों को नोटिस भेजने का कोई औचित्य नहीं है। चूंकि मामला विधानसभा अध्यक्ष से संबंधित है तो वह खुद इस पर निर्णय नहीं ले सकते हैं। विधायकों ने तर्क दिया है कि उन पर अवमानना की कार्रवाई नहीं हो सकती है। इस संबंध में कई दलीलें दी गईं।
जवाब दायर करने से पहले विधानसभा परिसर में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में भाजपा विधायक दल की बैठक हुई। इसमें 13 पृष्ठों का जवाब पढ़ा गया और उसमें जरूरी संशोधन किए गए। दोपहर बाद यह जवाब स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया के समक्ष प्रस्तुत किया गया। दरअसल पठानिया के समक्ष नाहन के कांग्रेस विधायक अजय सोलंकी ने अवमानना की एक शिकायत दी थी। राज्य विधानसभा के सचिव यशपाल शर्मा की ओर से जारी इस नोटिस में सभी नौ भाजपा विधायकों से 18 मार्च तक जवाब देने का वक्त दिया गया था।
नौ में से आठ विधायकों विनोद कुमार, हंसराज, सुरेंद्र शौरी, सतपाल सिंह सत्ती, विपिन सिंह परमार, दीपराज, लोकेंद्र कुमार और इंद्र सिंह गांधी स्पीकर के समक्ष उपस्थित हुए। भाजपा विधायक त्रिलोक जम्वाल खुद नहीं आए, बल्कि उनके एक प्रतिनिधि पेश हुए। कांग्रेस विधायक अजय सोलंकी के आरोप हैं कि उन्होंने विधानसभा की कार्यवाही बाधित की और चेयर के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी और नारेबाजी की। यह सदन के नियमों की अवमानना है। इस पर विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर सचिव ने इन विधायकों को अवमानना का नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा था।