59.56 प्रतिशत यानी 11,67,927 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। इनमें से 2.49 प्रतिशत मत किसी न किसी कारण से रद्द हो गए थे।
1977 के चुनाव में हिमाचल प्रदेश में 19,61,050 कुल मतदाता थे। इनमें 10,05,259 पुरुष और 9,55,791 महिला मतदाता थीं। 59.56 प्रतिशत यानी 11,67,927 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। इनमें से 2.49 प्रतिशत मत किसी न किसी कारण से रद्द हो गए थे। कुल मतदान केंद्र 3361 थे। चार सीटों पर 25 उम्मीदवारों ने नामांकन किया था। महिला उम्मीदवार कोई नहीं थी। दो नामांकन रद्द हुए और 9 ने नाम वापस लिए। मैदान में खड़े 14 उम्मीदवारों में से छह की जमानत जब्त हो गई थी। चारों सीटों पर कांग्रेस को पहली बार हार का मुंह देखना पड़ा था। बीएलडी से शिमला से बालक राम, मंडी से गंगा सिंह, कांगड़ा से दुर्गा चंद और हमीरपुर से रंजीत सिंह ने जीत हासिल की थी।
अपने फोन में रख सकते हैं डिजिटल मतदाता पहचान पत्र
मतदाता पहचान पत्र जैसे अहम दस्तावेज को अगर साथ ले जाना मुश्किल है तो इसे फोन पर भी सेव रख सकते हैं। इसके लिए डिजि लॉकर बढ़िया विकल्प है। डिजिटल लॉकर डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत भारत सरकार की एक पहल है। डिजिटल लॉकर में दूसरे दस्तावेजों की तरह वोटर आईडी कार्ड को भी सुरक्षित रख सकते हैं और जरूरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। केंद्र सरकार की इलेक्ट्रॉनिक इलेक्टोरल फोटो आईडी कार्ड (e-EPIC) सुविधा के जरिए मतदाता अपने फोन में वोटर कार्ड को डाउनलोड कर रख सकते हैं।
शतायु वोटर: 104 वर्षीय सरवनी ने हर चुनाव में जोश के साथ किया मतदान
ग्राम पंचायत दधोल के जसवानी गांव की 104 वर्षीय सरवनी देवी ने किसी चुनाव में मतदान करना नहीं छोड़ा। 1940 में शादी के बाद पहला मत डाला था। मतदान केंद्र घर से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर छंदोह में है, लेकिन जब वह अपना पहला वोट करने गई थी तो मतदान केंद्र घर से साढ़े तीन किमी दूर दधोल में था। पति के साथ पैदल जाकर मतदान करने पहुंचीं। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को मतदान जरूर करना चाहिए।