वन उपमंडल लपियाना के मौआ वन बीट में मलकियत व वन विभाग की जमीन में 20 के करीब खैर के पेड़ कटने का मामला प्रकाश में आया है। शिकायतकर्ता राज कुमार व स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि मौआ में जमीन को लेकर विवाद चल रहा है, जिसको लेकर एक शिकायत पत्र रेंज अधिकारी लपियाना को जनवरी माह में दिया गया था।
इसकी अभी विभागीय कानूनगो द्वारा निशानदेही होनी थी, लेकिन ठेकेदार द्वारा निशानदेही से पहले ही खैर के पेड़ों को काट लिया गया और कुछ पेड़ों को तो जड़ से ही उखाड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि आज हुई निशानदेही संतोषजनक नहीं हुई। उन्होंने निशानदेही करने आए विभागीय कानूनगो पर भी मिलीभगत के आरोप जड़ दिए। उन्होंने बताया कि वन विभाग बताए कि जब निशानदेही नहीं हुई तो खैर कैसे कट गए। न तो कटे हुए खैरों की लकड़ी का विभाग को पता है।
वन विभाग के कर्मचारियों की कोताही से ही ये खैर के पेड़ कटे हैं। उन्होंने कहा कि वन विभाग की जमीन में अवैध तरीके से आश्रम संचालक द्वारा बाड़बंदी कर अवैध कब्जा किया गया है, जिसको लेकर कई बार विभाग के अधिकारियों से वह गुहार लगा चुके हैं, लेकिन आज तक विभाग ने बाड़बंदी हटाने की हिम्मत नहीं की।
उन्होंने मुख्य वन अरण्यपाल व डीसी कांगड़ा से मांग की कि जिस भी ठेकेदार ने इस अवैध कार्य को अंजाम दिया है, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही काटे गए खैरों की लकड़ी को विभाग अपनी कस्टडी में रखे, जब तक निशानदेही की रिपोर्ट न आ जाए।
वहीं इस बारे रेंज अधिकारी योगिंद्र ने बताया कि विवादित जमीन पर खैरों का कटान नहीं किया का सकता। जल्द ही बीओ सहित गार्ड से इसकी रिपोर्ट ली जाएगी। जो भी दोषी पाया जाता है, उस पर कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।