एक छोटी सी बच्ची ने बचपन से ही सेना में भर्ती होने का सपना देखना शुरू कर दिया था। आज वही छोटी सी बच्ची बड़ी होकर देश में बीएसएफ की पहली महिला स्नाइपर बन गई है। मंडी जिला के कोटली उपमंडल के तहत आने वाले कुटल गांव की 28 वर्षीय सुमन कुमारी बीएसएफ में देश की पहली महिला स्नाइपर बनने के बाद इन दिनों बीती 4 मार्च से अपने घर छुट्टियों पर आई हुई है। बता दें कि सुमन ने 56 पुरूषों के दल में इकलौती महिला रहकर 8 हफ्तों के कठिन परिश्रम के बाद बीएसएफ में देश की पहली महिला स्नाइपर बनने का गौरव हासिल किया है।
इसके साथ ही सुमन को बीएसएफ में स्नाइपर इंस्ट्रक्टर ग्रेड का खिताब भी मिला है। सुमन ने बताया कि यह सफर आसान तो नहीं था, लेकिन इतना मुश्किल भी नहीं था कि वो कर नहीं पाती। मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा पहले से था तो उस जज्बे को और ज्यादा बढ़ाते हुए इस प्रशिक्षण को हासिल किया। सुमन ने बताया कि अब वो बीएसएफ में स्नाइपर के तौर पर स्पेशलाइजेशन कर चुकी है। ऐसे में अब वो हर वक्त किसी भी टास्क के लिए तैयार है। भविष्य में उसे जहां भी टास्क पर भेजा जाएगा, वो उसे हर हाल में पूरा करने का प्रयास करेंगी।
सुमन कुमारी आजकल अपने परिवार के साथ समय बिता रही हैं। परिवार को अपनी इस होनहार बेटी पर गर्व है। सुमन की माता माया देवी ने बताया कि उनकी इससे पहले कोई पहचान नहीं थी, लेकिन आज बेटी ने जो कर दिखाया है, उससे न सिर्फ क्षेत्र में बल्कि क्षेत्र से कहीं बाहर जाकर भी उनकी विशेष पहचान बन गई है। आज अगर यह सब हो पाया है तो उनकी बेटी द्वारा हासिल की गई सफलता के कारण ही हो पाया है।
माया देवी ने बताया कि सुमन का बचपन से ही सेना में भर्ती होने का सपना था। परिवार ने कभी भी बेटी के सपने को तोड़ने की कोशिश नहीं की। बेटी ने इसके लिए अपने स्तर पर खूब मेहनत की और आज इस मुकाम पर पहुंची है। उन्होंने कहा कि बेटियां बेटों से कम नहीं होती, इस बात को सुमन ने प्रमाण के साथ सिद्ध करके दिखाया है। माया देवी ने सभी अभिभावकों से अनुरोध किया है कि वे अपनी बेटियों को आगे बढऩे में मदद करें, तभी वो आगे बढ़कर कुछ नया कर पाएंगी।
3 किलोमीटर दूर से सटीक निशाना लगाने में माहिर होते हैं स्नाइपर
बता दें कि सुमन कुमारी वर्ष 2021 में बीएसएफ में भर्ती हुई थी और मौजूदा समय में बीएसएफ की पंजाब यूनिट में सब इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत है। पंजाब में एक प्लाटून की कमान संभालते हुए सरहद पार से स्नाइपर हमलों के खतरे का अहसास होने के बाद सुमन ने स्नाइपर कोर्स का संकल्प लिया। प्रशिक्षित स्नाइपर बेहद कठिन प्रशिक्षण के बाद लगभग 3 किमी की दूरी से एसएसजी समेत अन्य बंदूकों से सटीक निशाना लगाने में सक्षम होते हैं। इन्हें दुर्गम परिस्थितियों में अपनी पहचान छुपाकर कार्रवाई करने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाता है।