# मुद्दा तो केंद्रीय विश्वविद्यालय खूब बना, नहीं बना तो अपना भवन….

Himachal Election Issue: Central University has become a big issue, if it does not build its own building

केंद्रीय विश्वविद्यालय का निर्माण आम चुनावों में बड़ा मुद्दा बनता रहा है। अगर नहीं बना है तो वह केंद्रीय विश्वविद्यालय का अपना भवन।

हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय का निर्माण आम चुनावों में बड़ा मुद्दा बनता रहा है। अगर नहीं बना है तो वह केंद्रीय विश्वविद्यालय का अपना भवन। 15 साल में सीयू के नाम पर धर्मशाला में मात्र सिलान्यास का पत्थर ही लगा है, जबकि देहरा में निर्माण का कार्य शुरू हो चुका है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 15 अगस्त, 2007 को उन सभी राज्यों में एक-एक केंद्रीय विवि बनाने की घोषणा की थी, जहां बड़े उच्च शिक्षण संस्थान नहीं थे। केंद्रीय विवि अधिनियम 2009 के तहत राष्ट्रपति ने 20 मार्च, 2009 को हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विवि को स्वीकृति दी थी। विवि के लिए देहरा में दक्षिण परिसर और धर्मशाला के पास जदरांगल में उत्तरी परिसर बनाए जाने प्रस्तावित है। 

देहरा कैंपस में 115 हेक्टेयर भूमि औपचारिकताएं पूरी करने के बाद निर्माण के लिए विवि को यह भूमि हस्तांतरित कर दी गई है। यहां कैंपस का निर्माण कार्य करीब 70 फीसदी हो चुका है। अगला सत्र इसी कैंपस में शुरू हने की संभावना है। लेकिन धर्मशाला को लेकर स्थिति जस की तस है। धर्मशाला में सीयू के कैंपस निर्माण के लिए भूमि देहरा में 70 प्रतिशत काम हुआ, अगला सत्र नए भवन में शुरू होने की संभावना का चयन जदरांगल में किया गया। करीब 24 हेक्टेयर गैर वन भूमि केंद्रीय विवि के नाम हो चुकी है। बावजूद इसके, भूमि पर भवन निर्माण कार्य सुरू नहीं हो पाया है।

जदरांगल में 57.10 हेक्टेयर वन भूमि की प्रथम स्तर की सैद्धांतिक मंजूरी भारत सरकार का पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय जनवरी 2023 जारी कर चुका है। लेकिन, इस वन भूमि की हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। इस वन भूमि को सीयू को हस्तांतरित करने के लिए वन मंडल अधिकारी धर्मशाला ने प्रतिपूरक वनरोपण एंड नेट प्रजेंट वेल्यू आदि के तहत 30,03,94,254 रुपये की मांग की गई है। इस धनराशि को प्रदेश सरकार की ओर से जमा करवाया जाना है, लेकिन अभी तक इस राशि को जमा नहीं करवाया जा सका है, जिसके चलते जदरांगल में निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। 

50 फीसदी से कम धर्मशाला में मंजूर नहीं होगा सीयू का परिसर : सुरेश ठाकुर
पेंशनर संघ जिला कांगडा के अध्यक्ष सुरेश ठाकुर ने कहा कि धर्मशाला में केंद्रीय विश्वविद्यालय का 50 फीसदी से कम हिस्सा हम कभी भी मंजूर नहीं करेंगे। अगर जरूरत पड़ी तो गोली और लाठी खाने से भी परहेज नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार धर्मशाला की पूरी तरह से अनदेखी कर रही है। लोकसभा चुनाव में खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। 

प्रदेश सरकार सीयू के धर्मशाला में होने वाले निर्माण को लेकर जरा भी गंभीर नहीं है। अगर प्रदेश सरकार इसके प्रति गंभीर होती तो वह कब का 30 करोड़ रुपये जमा करवा चुकी होती। प्रदेश सरकार नहीं चाहती कि धर्मशाला में केंद्रीय विश्वविद्यालय के कैंपस का निर्माण हो। प्रदेश सरकार इस फिराक में है कि धर्मशाला में बनने वाले कैंपस को कहीं और शिफ्ट कर दिया जाए।– विपिन परमार, विधायक एवं प्रभारी कांगड़ा-चंबा संसदीय क्षेत्र

केंद्रीय विश्वविद्यालय निर्माण में देरी को धर्मशाला के नेता-जनता दोनों दोषी : राणा
हिमाचल-पंजाब गोरखा एसोसिएशन के अध्यक्ष आरएस राणा ने कहा कि सीप निर्माण में देरी के लिए यहां के नेता और जनता दोनों ही दोषी हैं। धर्मशाला के नेताओं ने अपना पक्ष नहीं रखा और यहां की जनता ने हक की अवाज उठाने में काफी देर कर दी। अब भी लोगों के पास वक्त है कि वह सीयू के निर्माण के लिए हो रहे आंदोलन में अपना योगदान दें।

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने ऐसा कभी भी नहीं कहा है कि धर्मशाला के जदयंगल में केंद्रीय विश्वविद्यालय का निर्माण नहीं करवाएंगे। उन्होंने कहा है कि सरकार सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद ही इसके लिए तय राशि को जारी करेगी। जिस स्थान पर सीयू कैंपस का निर्माण होना है, वहां की पर्यावरण रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। जैसे ही यह रिपोर्ट भवन निर्माण के पक्ष में आ जाएगी, तब राशि को जारी कर दिया जाएगा।

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