# युवा और हिंदुत्व के मुद्दे पर पलटवार की रणनीति से तय होगा मंडी का टिकट…

Lok Sabha Election: Mandi ticket will be decided by the strategy of counterattack on the issue of youth and Hi

सुक्खू सरकार के लोक निर्माण मंत्री, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह को उम्मीदवार बनाने के लिए हाईकमान इसीलिए ही सहमत होता दिख रहा है।

युवा फैक्टर और हिंदुत्व से ही पलटवार करने की रणनीति के तहत ही मंडी लोकसभा सीट के लिए कांग्रेस प्रत्याशी पर फैसला हो रहा है। सुक्खू सरकार के लोक निर्माण मंत्री, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह को उम्मीदवार बनाने के लिए हाईकमान इसीलिए ही सहमत होता दिख रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू पर भी कांग्रेस सरकार का मुखिया होने के नाते मंडी की इस सीट को दोबारा कांग्रेस के खाते में डालने की जिम्मेवारी है, तो वह खुद भी विक्रमादित्य को ही चुनाव लड़ाने के पक्षधर बताए जाते हैं। मंडी लोकसभा सीट से विक्रमादित्य के पिता दिवंगत वीरभद्र सिंह और उनकी माता प्रतिभा सिंह कई बार सांसद रहे हैं और चुनाव लड़ चुके हैं।

अभी भी कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह सांसद हैं तो पिछली कुछ बातों को अनदेखा कर कांग्रेस की इस विरासत को आगे बढ़ाने के लिए विक्रमादित्य पर भरोसा किया जा रहा है। दूसरी बात, विक्रमादित्य की उम्र 34 साल है तो बॉलीवुड की क्वीन के नाम से चर्चित भाजपा प्रत्याशी कंगना रणौत की 37 वर्ष है। इस तरह कंगना से विक्रमादित्य उम्र में भी तीन साल छोटे हैं।  भाजपा के टिकट घोषित होने तक प्रतिभा सिंह को ही संभावित प्रत्याशी माना जा रहा था तो भाजपा ने जहां कंगना को टिकट देकर युवाओं को लक्षित करने का प्रयास किया है, वहीं कांग्रेस विक्रमादित्य के रूप में युवा प्रत्याशी को चुनावी रण में उतारकर इस फैक्टर की काट ढूंढ चुकी है।

दोनों युवा हैं तो बयानबाजी के मामले में भी दोनों ही बोल्ड हैं। बेशक कंगना रणौत इस मामले में कई कदम आगे हो, पर विक्रमादित्य ने भी सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों से कंगना को आक्रामक टिप्पणियों से निशाने पर ले रखा है। राजनीति के जानकार मानते हैं कि भारतीय जनता पार्टी जिस तरह से हिंदुत्व के मुद्दे को भुनाने के लिए देवी-देवताओं की जमीन मंडी-कुल्लू में वोट बैंक को लक्ष्य बनाए हुए हैं, वहीं इस मुद्दे की धार को बांधने के लिए विक्रमादित्य से बढि़या प्रत्याशी कांग्रेस के पास नहीं है। 

विक्रमादित्य पार्टी लाइन से अलग चलकर अयोध्या में राम मंदिर की स्थापना के दौरान पहुंचने वाले अकेले कांग्रेस नेता थे। जिस तरह से वह सोशल मीडिया पर पर अपनी हर बात जयश्रीराम के नारे से शुरू करते हैं, उससे कांग्रेस हाईकमान का मंडी सीट पर प्रत्याशी तय करने का धर्मसंकट खत्म हो गया है। विक्रमादित्य के इसी हुनर का कांग्रेस लाभ उठाने के लिए नई बिसात बिछाने की तैयारी कर चुकी है। इन सारे समीकरणों को देखते हुए यह माना जा रहा है कि हाईकमान जल्द ही मंडी से टिकट घोषित कर सकता है।

प्रतिभा ने दिए मंडी से विक्रमादित्य सिंह के नाम पर मुहर लगने के संकेत
 कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और सांसद प्रतिभा सिंह ने भी मंडी से विक्रमादित्य सिंह के नाम पर टिकट के लिए मुहर लगने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि जो नेता चुनाव जीत सकते हैं, उनके नाम केंद्रीय चुनाव समिति को भेज दिए गए हैं। क्या मंडी से विक्रमादित्य के लिए प्रचार करेंगी, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि क्यों प्रचार नहीं करूंगी। वह केवल इसलिए नहीं कि वह विक्रमादित्य सिंह हैं। पार्टी का कोई और प्रत्याशी भी हो तो उसके लिए भी प्रचार करूंगी। मैंने और भी तीन लोकसभा सीटें और उपचुनाव भी देखने हैं। जहां-जहां पार्टी की ओर से भेजा जाएगा, वहां पर काम होगा।

जो भी मुझसे हो पाएगा, करूंगी। रविवार को प्रतिभा सिंह ने नई दिल्ली में मीडिया से बातचीत में कहा कि कंगना रणौत के सामने अगर विक्रमादित्य सिंह चुनाव मैदान में उतरते हैं तो लोगों ने तय करना है कि किस पार्टी को समर्थन देना है और किसने काम किया है। जब वह सांसद रहीं तो भी हरेक क्षेत्र का दौरा किया। वह हर दुर्गम क्षेत्र में गईं, वहां पर जो लोगों ने मांगें उठाईं और जो सांसद निधि से दे सकती थीं, वह दिया है। कोई प्रत्याशी फिल्म स्टार है। यह लोग तय करेंगे कि वह ऐसी नेता जब मुंबई लौट जाएंगी,  तो उनसे कैसे लोग काम करवा पाएंगे। अब केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक होगी, उसी में टिकटों पर फैसला होगा। उन्होंने कहा कि सभी वरिष्ठ नेताओं ने अपनी राय दी है कि कौन बेहतरीन उम्मीदवार हो सकता है।

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