ईएसआई अस्पताल में अब तक करीब 250 से अधिक लोग उपचार के लिए पहुंच चुके हैं। गंभीर मरीजों को वार्ड में भर्ती भी किया जा रहा है।
औद्योगिक क्षेत्र परवाणू में डेंगू से बचाव की तैयारियों के बीच डायरिया फैल गया है। ईएसआई अस्पताल में अब तक करीब 250 से अधिक लोग उपचार के लिए पहुंच चुके हैं। गंभीर मरीजों को वार्ड में भर्ती भी किया जा रहा है। रोजाना 40 मामले अस्पताल पहुंच रहे हैं। दिन में ही नहीं, आपात स्थिति में भी उल्टी, दस्त और बुखार की शिकायत लेकर मरीज पहुंच रहे हैं। अचानक बढ़े मामलों के चलते अस्पताल में भी वार्ड के सभी बिस्तर भर गए हैं। अन्य मरीजों को भर्ती करने के लिए अस्पताल में जगह नहीं है।विज्ञापन
रोजाना मामले आने के बाद अब अस्पताल प्रशासन की ओर से वार्ड में भर्ती मरीजों की स्थिति सुधरने के साथ ही तुरंत छुट्टी दी जा रही है, ताकि अन्य मरीजों का भी उपचार संभव हो सके। इसी के साथ जिला स्वास्थ्य विभाग ने भी बढ़ते मामलों को देखते हुए अलर्ट जारी कर दिया है। आशा वर्कर की टीम की ओर से ओआरएस का वितरण करना भी शुरू कर दिया है। लोगों को घरद्वार जाकर जागरूक करना शुरू कर दिया है।
बताया जा रहा है कि बीते दिनों परवाणू के सेक्टर एक में कुछ लोग डायरिया से पीड़ित होकर ईएसआई अस्पताल पहुंचे थे। इनमें से कई मामले अधिक गंभीर थे, जिन्हें जांच के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था। अब पूरे परवाणू क्षेत्र से ऐसे मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। वहीं, अब टकसाल पंचायत से भी मामले आ रहे हैं। रविवार को पर्ची काउंटर पर लंबी कतार मरीजों की देखने को मिली। अधिकतर मरीज पेट दर्द की शिकायत के साथ उल्टी, दस्त होने पर उपचार के लिए अस्पताल पहुंचे।विज्ञापन
डायरिया के लक्षण
- लगातार दस्त होते हैं। शरीर में पानी की कमी हो जाती है। कमजोरी आ जाती है
- शुरू में बुखार आता है, भूख कम लगती है और सिर में तेज दर्द होता है
- उल्टियां होती हैं, पेट दर्द, सुस्ती रहने लगती है
ऐसे बचे डायरिया से
- डायरिया से बचाव के लिए पानी उबाल कर पीना चाहिए
- शौच जाने के बाद हाथ अच्छे से धोएं
- दस्त लगने पर ओआरएस का घोल मरीज को दें
- साफ और ढका खाना ही खाएं, जंक फूड से परहेज करें
ईएसआई अस्पताल परवाणू में कुछ दिनों से पेट दर्द, उल्टी और दस्त की शिकायत लेकर लोग आना शुरू हुए। पूरे परवाणू और टकसाल से मामले अब अस्पताल में आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है। पानी के सैंपल लिए गए हैं। आशा वर्कर की टीमें भी घर-घर जाकर लोगों को जागरूक कर रही हैं और ओआरएस का वितरण किया जा रहा है।
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