कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच पर आसानी से कॉटन कैंडी की बिक्री की जा रही है। हैरत की बात यह है प्रदेश के प्रवेशद्वार परवाणू के टोल बैरियर पर विक्रेता सरेआम कॉटन कैंडी बेच रहे हैं। यह विक्रेता दूसरे राज्यों के हैं।
प्रदेश में प्रतिबंध होने के बावजूद कॉटन कैंडी की धड़ल्ले से बिक्री हो रही है। कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच पर आसानी से कॉटन कैंडी की बिक्री की जा रही है। हैरत की बात यह है प्रदेश के प्रवेशद्वार परवाणू के टोल बैरियर पर विक्रेता सरेआम कॉटन कैंडी बेच रहे हैं। यह विक्रेता दूसरे राज्यों के हैं।
शनिवार को भी परवाणू टोल बैरियर पर पिंक, ऑरेंज, पर्पल, यलो, सी ग्रीन और व्हाइट कॉटन कैंडी बेचते विक्रेता पाया गया। विक्रेता ने छुट्टी का फायदा उठाकर आसानी से कॉटन कैंडी की बिक्री की और दोपहर बाद वापस चला गया। इससे खाद्य सुरक्षा विभाग की लापरवाही भी सामने आई है। विभाग की नाक तले इस प्रकार की लापरवाही लोगों की सेहत पर भारी पड़ सकती है।
गौर रहे कि प्रदेश में बिकने वाली कॉटन कैंडी के कई सैंपल बीते माह फेल हो गए थे। प्रयोगशाला में जांच के दौरान कॉटन कैंडी में कैंसर वाला केमिकल पाया गया था। जिला सोलन में भी सात सैंपल फेल हुए थे। इनमें रसायन रोडामाइन-बी का खुलासा हुआ था। इसके बाद प्रदेश में कॉटन कैंडी की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया। लेकिन अब विक्रेता नियमों की सरेआम अवहेलना कर रहे हैं और सड़क के किनारे बैठकर कॉटन कैंडी बेच रहे हैं। अधिकतर विक्रेता हिमाचल के प्रवेशद्वार के आसपास दिखाई दे रहे हैं।
प्रदेश में कॉटन कैंडी की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध है। अगर कोई बिक्री करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ मामला दर्ज होगा और नियमानुसार कार्रवाई भी की जाएगी। समय-समय पर विभाग की टीम भी एनएच पर निरीक्षण कर रही है।