# हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस का निर्दलियों ने दिया जवाब…

Independent MLA met Speaker on notice from himachal Assembly Secretariat

विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा है कि तीनों निर्दलीय विधायकों ने 22 मार्च को पहले विधानसभा सचिव को इस्तीफा सौंपा। 

हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा है कि तीनों निर्दलीय विधायकों ने 22 मार्च को पहले विधानसभा सचिव को इस्तीफा सौंपा। उसके बाद उनके निवास स्थान पर साढ़े तीन या पौने चार बजे मिले। उन्होंने इस्तीफे की उन्हें प्रति दी। जो इस्तीफा दिया, उसकी प्रेस रिपोर्टिंग हैं और प्रेस क्पिंग्स हैं, यह उसका हिस्सा है। इसमें नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर भी उनके साथ थे।

जब वे निवास स्थान पर आए तो भाजपा विधायक डॉ. जनकराज और बलवीर सिंह वर्मा भी उनके साथ थे। अगर इस संबंध में हाईकोर्ट से अगर कोई ऐसी चीज आती हैं, जैसा कि निर्दलीय चाहते हैं तो इसके खिलाफ वह उच्चतम न्यायालय में जाने का अधिकार रखते हैं। पर अभी तक कुछ हुआ नहीं है। इस बारे में वे कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। क्या इनके इस्तीफे सांविधानिक तौर पर उचित हैं। वह इस पर भी नहीं कहना चाहते हैं।

नियम यह है कि जब भी कोई विधायक त्यागपत्र देता है तो उसका एक प्रारूप होता है। त्यागपत्र अगर उस प्रारूप के मुताबिक और उसके नियमों के अनुसार व्यक्तिगत तौर पर आता है तो यह ऐच्छिक हो या अनैच्छिक हो। अगर अध्यक्ष को लगे कि इसकी छानबीन करना जरूरी है तो स्पीकर सभी पहलुओं को देखते हुए ऐसा करने को स्वतंत्र है। इसी के आधार पर तीनों को कारण बताओ नोटिस दिया गया था। इसकी सूचना राज्यपाल को भी दी थी। पठानिया ने कहा कि दो समानांतर कार्यवाहियां चल रही हैं। स्वाभाविक है कि अगर वह इन्हें निष्कर्ष तक पहुंचाना चाहें तो भी नहीं पहुंचा पाएंगे। यह मामला अर्धन्यायिक है।

यह हाईकोर्ट में लंबित है, जब तक हाईकोर्ट इसे पर कोई निर्णय न दे कि उन्होंने उनकी अथाॅरिटी को चुनौती दी है। कोई भी चुना हुआ विधायक आजाद प्रत्याशी के रूप में चुना जाता है और वह दल-बदल करता है तो दसवें शेड्यूल को आकर्षित करता है। कोई निर्दलीय भी चुना जाता है तो पांच साल के लिए चुना जाता है तो वह भी पांच वर्ष के लिए होता है। जब कभी भी वह पार्टी ज्वाइन करता तो भी वह दल-बदल कानून के दायरे में आता है। एक तरफ स्वैच्छिक इस्तीफे हैं और दूसरी तरफ यह विषय भी है। अभी इन्हें हाईकोर्ट की प्रोसीडिंग के माध्यम से देखेंगे।

उच्च न्यायालय में निर्दलियों ने याचिका दायर की : पठानिया
पठानिया ने कहा कि उच्च न्यायालय में निर्दलियों ने याचिका दायर की है, उस पर बुधवार को सुनवाई थी। इसे 24 अप्रैल के लिए स्थगित किया गया है। विधानसभा अध्यक्ष और व्यक्तिगत रूप से पार्टी बनाया गया था। कोर्ट ने टिप्पणी की है कि स्पीकर को व्यक्तिगत रूप में पार्टी नहीं बनाया जा सकता है। वह जो भी कर रहे हैं, उसकी शक्तियां संविधान में हैं। आदेश क्या हैं, यह नहीं देखे गए हैं। रिट पेटिशन की प्रति देख ली गई है।

प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष तीनों निर्दलीय विधायकों ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने को लेकर शुक्रवार को अपने जवाब दिए। उन्होंने किसी भी तरह के दबाव से इन्कार किया। लिखित जवाब देने के साथ विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के सामने तीनों निर्दलीय विधायकों ने मौखिक रूप से भी स्थिति स्पष्ट की।

निर्दलीय विधायकों होशियार सिंह, केएल ठाकुर और आशीष शर्मा को बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष ने कमेटी रूम में हाजिर होकर अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए बुलाया। होशियार सिंह ने कहा कि राज्य से बाहर जाने के बारे में पूछा तो बताया गया कि वह स्वेच्छा से गए और उन पर किसी तरह का दबाव नहीं था। राज्यसभा सदस्य के लिए मतदान के बाद उनकी गाड़ी को रोका गया और उनके कारोबार तक पर छापे मारे गए। संबंधियों को भी परेशान किया गया। मजबूरन उन्हें इस्तीफे देने पड़े और भाजपा में जाना पड़ा।

इससे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि निर्दलीय विधायकों से यह आग्रह किया गया था कि नियमों के अनुरूप जो कार्रवाई वांछित है, उसके मुताबिक वे 10 अप्रैल को 12:15 बजे विधानसभा सचिवालय के कमेटी रूम में उपस्थित हों। नोटिस दिया गया कि उसका एक दिन पहले ही जवाब दे दिया जाए, ताकि सचिवालय ने इस पर जो भी जानकारी देनी हो, वह मिल जाए। तीनों उनके समक्ष उपस्थित हुए। तीनों ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में जवाब देना है और समय मांगा। वह इसके लिए लंबा समय दे सकते थे, मगर विषय गंभीर है। इन्हें बुधवार को ही ढाई बजे कमेटी रूम में दोबारा बुलाया गया।

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