माता श्री चिंतपूर्णी के दरबार में मंगलवार को चैत्र नवरात्र अष्टमी के अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना का कार्यक्रम आयोजित किया गया। हालांकि नवरात्र के चलते मंदिर में शतचंडी महायज्ञ का आयोजन होता है, लेकिन नवरात्रि के उपलक्ष में अष्टमी के दिन कंजक पूजन को विशेष महत्वपूर्ण माना जाता है। इसी के चलते मंगलवार को मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भी चहल-पहल आम दिनों से काफी ज्यादा रही।
अष्टमी की विशेष पूजा के लिए श्रद्धालुओं का माता श्री चिंतपूर्णी के दरबार पहुंचने का क्रम सोमवार को ही शुरू हो गया था। श्रद्धालुओं का कहना है कि विशेष रूप से अष्टमी पूजन के लिए वह माता चिंतपूर्णी के दरबार पहुंचते हैं। माता की पावन पिंडी के दर्शन करने के साथ मंदिर परिसर में कंजक पूजन का काफी महत्व बताया गया है। उन्होंने कहा कि माता श्री चिंतपूर्णी अपने भक्तों की हर मुराद को पूरी करने वाली हैं।
मंदिर के पुजारी संदीप कालिया ने बताया कि नवरात्रों के उपलक्ष्य में महा अष्टमी पर माता की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। पवित्र हवन-यज्ञ में आहुतियां डालने के साथ माता सहित माता स्वरूप कंजक पूजन किया जाता है। उन्होंने बताया कि अष्टमी के चलते मंदिर के कपाट आधी रात को ही श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए थे।