जिले भर में मेलों और धार्मिक कार्यक्रमों का दौर चल रहा है। इस बीच खाद्य पदार्थ डालने के लिए प्रिंटेड कागजी लिफाफों का भी धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है। इन कागजों में इस्तेमाल होने वाली सियाही स्वास्थ्य लिए घातक साबित हो सकती है। मेले में दुकानदार खाद्य पदार्थ प्रिंटेड कागजी लिफाफों में डालकर दे रहे हैं।विज्ञापन
प्रिंटेड लिफाफों में कैंसर सहित अन्य गंभीर बीमारियां होने का खतरा रहता है। कुछ कारोबारी पैसे बचाने के चक्कर में इको फ्रेंडली के बजाय प्रिंटेड कागजी लिफाफों का इस्तेमाल करने लगे हैं। कई मिठाई विक्रेता भी जलेबी और अन्य खाद्य सामग्री ग्राहकों को प्रिंटेड कागजी लिफाफों में डालकर दे देते हैं, जिससे सियाही का केमिकल खाद्य वस्तु के साथ सीधे शरीर के अंदर प्रवेश कर जाता है।
यह हानिकारक केमिकल शरीर के अंदर बीमारियां पैदा करना शुरू कर देते हैं। इन कागजों का सबसे अधिक इस्तेमाल स्ट्रीट फूड वाले करते हैं। वे बर्गर, पकौड़े और टिकी आदि आदि भी इन्हीं प्रिंटेड कागज के लिफाफे में पैक करके देते हैं। इसके अलावा हाथ और मुंह साफ करने के लिए भी इन्हीं कागजों को देते हैं।विज्ञापन
ऐसे लिफाफों में न लें सामग्री
प्रिंटेड कागजी लिफाफों में हलवा, जलेबी-पकोड़ा आदि खाद्य पदार्थ न डालें और न ही इसे नैकपीन की जगह इस्तेमाल करें। इसके अलावा अगर कोई मिठाई वाला आपको प्रिंटेड कागज के लिफाफे में जलेबी या पकोड़े आदि डालकर देता है तो उसे लेने से मना करें। प्रिंटेड कागजी लिफाफों में इस्तेमाल होने वाली सियाही में कई प्रकार के केमिकल होते हैं। इसके इस्तेमाल से कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।