प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र परवाणू के लोगों को राहत पहुंचाने वाली कौशल्या खड्ड पेयजल योजना के पानी में सीवर और गंदगी घुल रही है।
हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र परवाणू के लोगों को राहत पहुंचाने वाली कौशल्या खड्ड पेयजल योजना के पानी में सीवर और गंदगी घुल रही है। कालका-शिमला नेशनल हाईवे पर चक्की मोड़ से परवाणू तक के ढाबे और होटल गंदगी और सीवर को कौशल्या खड्ड में छोड़ रहे हैं। हैरत की बात है कि इस ओर विभागों की ओर से आज तक ध्यान नहीं दिया गया। इसके चलते अब परवाणू में डायरिया फैल गया है। हालांकि हर बार डायरिया के मामले आते हैं। लेकिन इस बार डायरिया का प्रकोप ज्यादा है। वर्तमान में भी इसी पानी की सप्लाई शहर में हो रही है। अभी तक पानी के तीन सैंपल फेल हो गए हैं। परवाणू से पहले कई जगहों में सीवर और गंदगी छोड़ने का प्वाइंट कौशल्या खड्ड में देखा गया है। मामले आने के बाद भी इसे बंद नहीं किया गया है।विज्ञापन
इसके चलते पानी खड्ड का पानी दूषित हो रहा है, वहीं जलजनित बीमारियां भी फैल रही हैं। खड्ड के आसपास काफी दुर्गंध भी रहती है। आसपास रहने वाले लोग भी इस समस्या का सामना कर रहे हैं और काफी परेशान हैं। दत्यार गांव के बाशिंदों ने बताया कि हाईवे पर दत्यार में कुछ ढाबों और होटल मालिकों ने सीवरेज लाइन को सीधे नाले में छोड़ा है और यह नाला सीधा कौशल्या खड्ड में जाकर मिलता है। इससे खड्ड काफी दूषित हो रहा है। इसके साथ परवाणू-कामली रोड पर भी जल शक्ति विभाग की ओर से सीवरेज लाइन खुली छोड़ दी है। कामली निवासी यशपाल ठाकुर ने बताया कि कामली रोड पर लाइन खुली छोड़ने से पानी सड़क पर बह रहा है। इस बारे में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को कई बार अवगत करवा दिया है।
हाईवे पर जिन होटलों और ढाबा मालिकों ने सीवर को सीधे कौशल्या खड्ड में डाला है, उनके बारे में जांच की जाएगी। विशेष टीम लगाकर इसका निरीक्षण किया जाएगा। वहीं कामली सड़क पर बह रहे सीवरेज के बारे पता चला है। इस पर कार्रवाई की जा रही है।-अनिल राव, सहायक अभियंता, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, परवाणू
परवाणू के बाद अब सोलन में डायरिया की दस्तक
औद्योगिक क्षेत्र परवाणू के बाद अब जिला मुख्यालय सोलन में भी डायरिया के मामले आना शुरू हो गए हैं। क्षेत्रीय अस्पताल में उल्टी, दस्त और पेट दर्द की शिकायत लेकर लोग पहुंच रहे हैं। ऐसे में अस्पताल प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। लोगों को पानी उबाल कर पीने का आग्रह किया गया है। रोजाना अस्पताल में तीन से चार लोग डायरिया से पीड़ित पहुंच रहे हैं। इसे देखते हुए अस्पताल प्रशासन सतर्क हो गया है। वर्तमान में सलोगड़ा, कथेड़ और जिले के बॉर्डर क्षेत्रों पीड़ित अस्पताल पहुंच रहे हैं।
एक सप्ताह में करीब एक दर्जन लोग डायरिया से पीड़ित होकर उपचार करवाने आए हैं। अस्पताल प्रशासन की ओर से मरीजों की हालत को देखते हुए उपचार दिया जा रहा है। वहीं अभी बल्क मामले एक ही क्षेत्र से नहीं आ रहे है। फिर भी अस्पताल प्रशासन की ओर से मामले आने के बाद रिपोर्ट तैयार की जा रही है। वहीं जल शक्ति विभाग को पानी के सैंपल भरने और जांच करवाने के लिए कहा है। विभाग की ओर से भी एडवाइजरी जारी कर दी है। गौर रहे कि परवाणू में लगातार डायरिया मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।विज्ञापन
परवाणू में अब तक 280 लोग डायरिया से पीड़ित हो चुके हैं। वहीं तीन पानी के सैंपल भी परवाणू में फेल चुके हैं। इसके बाद से महकमे ने तेजी से काम किया और अब दावा किया जा रहा है कि परवाणू में डायरिया मामले कम हो रहे हैं। लेकिन अब सोलन व आसपास के क्षेत्रों से मामले आ रहे है। इसे लेकर विभाग की परेशानियां बढ़ती जा रही है। सोलन में भी आशा वर्कर और आंगनबाड़ी वर्करों की सहायता लेकर आईईसी एक्टिविटी की जा रही है। वहीं लोगों को ओआरएस और जिंक दवाओं का वितरण भी करना शुरू कर दिया है।
डायरिया के लक्षण
-लगातार दस्त होते हैं। शरीर में पानी की कमी हो जाती है। कमजोरी आ जाती है।
-शुरू में बुखार आता है, भूख कम लगती है और सिर में तेज दर्द होता है।
-उल्टियां होती हैं, पेटदर्द, सुस्ती रहने लगती है।
ये बरतें सावधानियां
1. डायरिया से बचाव के लिए पानी उबाल कर पीना चाहिए।
2. शौच जाने के बाद हाथ अच्छे से धोकर खाना खाएं।
3. दस्त लगने पर ओआरएस का घोल मरीज को दें।
4. जितना जल्द हो सके, मरीज को अस्पताल पहुंचाएं।
5. साफ और ढका हुआ खाना ही खाएं।
6. खान-पान में जंक फूड के इस्तेमाल से परहेज करें।
सोलन अस्पताल में डायरिया के इक्का-दुक्का मामले आ रहे हैं। अस्पताल प्रशासन की ओर से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। सभी मामले अलग-अलग जगह से आ रहे हैं। फिर भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। लोगों से आग्रह है कि साफ, स्वच्छ और उबला हुआ पानी का सेवन करे। बिना चिकित्सक सलाह के दवाओं का सेवन न करे।-डॉ. एसएल वर्मा, चिकित्सा अधीक्षक, क्षेत्रीय अस्पताल सोलन