सैंज वैली विकास समिति के लोगों का प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त कुल्लू से मिला। इस दौरान ग्रामीणों ने कहा कि सतेश गांव के पास ड्रेजिंग का कार्य नहीं हो रहा है, जबकि साथ लगते गांवों में ड्रेजिंग हो रही है। वहीं उन्होंने आरोप लगाया कि यह ड्रेजिंग का कार्य बेतरतीब तरीके से किया जा रहा है। इसके अलावा गांव में जाने के लिए पुल की व्यवस्था भी नहीं है। बता दें कि जुलाई 2023 में पिन पार्वती नदी में बाढ़ आई थी।
इसमें न्यूली से लेकर लारजी तक तबाही हुई थी। ऐसे में ग्रामीण नियमानुसार ड्रेजिंग और तटीकरण की मांग उठा रहे हैं। ग्रामीणों ने ठेकेदार पर आरोप लगाया कि ड्रेजिंग का काम ठीक तरह से नहीं हो रहा है और नदी से निकलने वाले को रेत को अवैध तरीके से बेचा जा रहा है। जुलाई माह में आई प्राकृतिक आपदा ने सतेश गांव की करीब 15 बीघा जमीन का नामोनिशान मिटा दिया है और नौ माह से स्थानीय लोगों की जमीन पर नदी बह रही है।
गत वर्ष जुलाई माह में आई प्राकृतिक आपदा में सतेश गांव में करीब दो सौ फलदार पेड़ बाढ़ की भेंट चढ़े हैं, जिस कारण अब ग्रामीणों को भविष्य की चिंता सताने लगी है कि दो तीन माह बाद फिर बरसात आने वाली है, जो सतेश के ग्रामीणों के लिए घातक सिद्ध हो सकती है।
ग्रामीणों ने कहा कि जो थोड़े बहुत बाग-बगीचे और घर सुरक्षित बचे हैं, वे भविष्य में नहीं बच पाएंगे। खतरे को देखते हुए ग्रामीणों ने अब गांव से पलायन करना शुरू कर दिया है और सुरक्षित जगह में अपने परिवार को रखने के लिए ठिकाना ढूंढ रहे हैं। पिन पार्वती नदी में गत वर्ष जुलाई माह में आई बाढ़ के कारण नदी का रुख गांव की ओर मुड़ने से जहां करीब 15 बीघा जमीन सतेश गांव में बाढ़ की भेंट चढ़ी है, वहीं गांव भी खतरे की जद में आ गया है।