# शाम को फोन कर बुलाया, सुबह पहुंचे तो बंद मिला डायलिसिस सेंटर, मरीज परेशान…

ऊना जिला के क्षेत्रीय अस्पताल का डायलिसिस सेंटर बंद होने के 2 महीने बाद साथ लगते निजी स्वास्थ्य संस्थान का डायलिसिस सेंटर भी अचानक बंद हो गया है। मंगलवार सुबह ही निजी स्वास्थ्य संस्थान में डायलिसिस करवाने के लिए पहुंचे रोगी केंद्र में ताला लटकता देख हतप्रभ रह गए। क्षेत्रीय अस्पताल में डायलिसिस करने वाली निजी कंपनी के साथ स्वास्थ्य विभाग का करार खत्म होने पर एक नई फर्म के साथ अनुबंध किया गया, लेकिन नई फर्म ने डायलिसिस सेंटर के रिनोवेशन के नाम पर समय मांगा, जिसके चलते यहां पर डायलिसिस करवाने वाले मरीजों की व्यवस्था पास के ही दो निजी डायलिसिस केंद्रों में कर दी।

रीजनल अस्पताल में डायलिसिस करवाने वाले रोगियों का आरोप है कि निजी स्वास्थ्य संस्थान में उन्हें मनमर्जी के मुताबिक डायलिसिस के लिए बुलाया जाता था। कभी रात को 10 बजे तो कभी रात को 3 बजे भी उन्हें डायलिसिस करवाने के लिए बुलाया जाता रहा है। मरीजों का कहना है कि इसके बावजूद वह उपचार की मजबूरी में निजी डायलिसिस सेंटर की हर शर्त को मानते आए। मरीजों ने बताया कि सोमवार शाम को ही निजी स्वास्थ्य संस्थान के डायलिसिस सेंटर से उन्हें टेलीफोन करके मंगलवार सुबह डायलिसिस करवाने को बुलाया गया था, लेकिन जब वो मौके पर पहुंचे तो केंद्र पर ताला लटकता हुआ मिला।

मरीजों ने बताया कि वह दूर-दराज क्षेत्रों से डायलिसिस करवाने के लिए कड़ी मशक्कत के बाद ऊना पहुंच रहे हैं। डायलिसिस करवाने के लिए चिंतपूर्णी, कांगड़ा के जसवां कोटला और नैहरियां जैसे दूर-दराज के क्षेत्रों से पहुंचे मरीजों ने बताया कि 2 महीने से उनके डायलिसिस जरूरत के हिसाब से नहीं हो रहे। मरीज का सप्ताह में तीन बार डायलिसिस होता है, उसे दो डायलिसिस पर रखा गया है और जिसके दो डायलिसिस हो रहे थे, उसे महज एक बार डायलिसिस की सुविधा हफ्ते भर में मिल रही है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से गुहार लगाई कि इस अव्यवस्था को जल्दी खत्म करते हुए मरीजों को बेहतर उपचार उपलब्ध कराया जाए।
उधर, क्षेत्रीय अस्पताल ऊना के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संजय मनकोटिया ने बताया कि मामला विभाग के ध्यान में लाया गया है, जिससे उच्च अधिकारियों को भी अवगत करवा दिया गया है। डायलिसिस की व्यवस्था देखने वाली संस्था को तुरंत प्रभाव से टेक्नीशियन का प्रबंध करते हुए मरीज के डायलिसिस सुचारु करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग रोगियों के स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सतर्क है।

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