राज्य की चारों सीटों पर जनता दल सहित अन्य छोटे दलों ने कांग्रेस के खिलाफ भारतीय लोकदल के चुनाव निशान पर प्रत्याशी उतारे थे।
भारत में आपातकाल के हटने के बाद 1977 में चौधरी चरण सिंह ने अपनी पार्टी भारतीय लोकदल (भालोद) से हिमाचल प्रदेश की चारों सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। चारों ही सीटें भारतीय लोकदल ने जीती थीं। कांग्रेस हार गई थी। मंडी से भारतीय लोकदल के प्रत्याशी गंगा सिंह ने वीरभद्र सिंह को चुनाव में हराया था। राज्य की चारों सीटों पर जनता दल सहित अन्य छोटे दलों ने कांग्रेस के खिलाफ भारतीय लोकदल के चुनाव निशान पर प्रत्याशी उतारे थे। इसके चलते हिमाचल की चारों सीटों पर भारतीय लोकदल ने जीत हासिल की थी।विज्ञापन
भालोद का जनता दल में हुआ था विलय
यह अलग बात थी कि चुनाव के बाद भारतीय लोकदल का जनता दल में विलय हुआ था। जनता दल के टूट जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी के गठन होने पर चौधरी चरण सिंह ने फिर से भारतीय लोकदल को अलग किया, मगर इसके बाद हिमाचल में 1977 जैसी सफलता कभी नहीं मिली। लोकदल ने 57.19 प्रतिशत वोट लेकर चारों सीटें जीती थीं। कांग्रेस को 38.58 प्रतिशत वोट पड़े थे। सीपीआई को 1.38 और माकपा को 0.79 प्रतिशत मत पड़े। निर्दलियों ने 2.06 प्रतिशत वोट हासिल किए।विज्ञापन
मंडी से वीरभद्र सिंह भी हारे थे चुनाव
संसदीय क्षेत्र विजेता पार्टी जीते जीत का अंतर हारे मत प्रतिशत
मंडी भालोद गंगा सिंह 35,505 वीरभद्र सिंह 53.19%
कांगड़ा भालोद दुर्गा चंद 39,005 विक्रम चंद 53.17%
हमीरपुर भालोद रणजीत सिंह 50,122 नारायण चंद 57.95%
शिमला भालोद बालक राम 87,472 जालम सिंह 64.63%