# आनंद शर्मा के बहाने कसौटी पर परखे जाएंगे कांगड़ा संसदीय सीट के मंत्री, विधायक|

Lok Sabha Chunav: Ministers and MLAs of Kangra parliamentary seat will be tested on the pretext of Anand Sharm

हिमाचल में हो रहे लोकसभा चुनाव को कांग्रेस पूरी गंभीरता से ले रही है। हर सीट को लेकर अलग से रणनीति बनाई गई है।

पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा के बहाने कांगड़ा संसदीय सीट के मंत्री और विधायक कसौटी पर कसे जाएंगे। इस क्षेत्र के 11 कांग्रेस विधायकों में से आठ को सुक्खू सरकार ने कैबिनेट रैंक समेत बड़े आहदे दे रखे हैं। आनंद शर्मा को जिताने के लिए इन सभी नेताओं को पूरा दमखम लगाना होगा।

कांगड़ा सीट के तहत भाजपा के पास पांच विधायक हैं। धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव हो रहा है। हिमाचल में हो रहे लोकसभा चुनाव को कांग्रेस पूरी गंभीरता से ले रही है। हर सीट को लेकर अलग से रणनीति बनाई गई है। मंडी से मंत्री विक्रमादित्य सिंह और शिमला से विधायक विनोद सुल्तानपुरी को चुनाव मैदान में उतार कर कांग्रेस ने पहले ही सरकार के स्थिर रहने का संदेश देते हुए पूरी ताकत से चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर की है।

अब कांगड़ा से पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा को प्रत्याशी बना अपने स्थानीय नेताओं की जवाबदेही भी सुनिश्चित कर दी है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि हाईकमान ने संसदीय क्षेत्र के हर विधायक से बात करने के बाद ही आनंद पर दांव खेला है। सभी मंत्रियों और विधायकों ने एकमत होकर आनंद शर्मा के लिए पूरी ताकत झोंकने का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी आनंद के हक में खड़े हुए थे। प्रदेश कांग्रेस की एकजुटता को देखने के बाद ही हाईकमान ने आनंद को कांगड़ा से मैदान में उतारकर भाजपा को चुनौती दी है।

कैबिनेट रैंक वालों पर लीड दिलाने का जिम्मा
कांगड़ा के ज्वाली से चंद्र कुमार और जयसिंहपुर से यादवेंद्र गोमा सरकार में मंत्री हैं। चंबा के भटियात से कुलदीप सिंह पठानिया विधानसभा अध्यक्ष हैं। पालमपुर से आशीष बुटेल और बैजनाथ से किशोरी लाल मुख्य संसदीय सचिव हैं। नगरोटा बगवां से रघुवीर सिंह बाली पर्यटन विकास निगम के उपाध्यक्ष हैं। फतेहपुर से भवानी सिंह पठानिया योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष हैं।

शाहपुर से केवल सिंह पठानिया उप मुख्य सचेत्तक हैं। ज्वालाजी से संजय रतन, इंदौरा से मलेंद्र राजन और चंबा सदर से नीरज नैय्यर विधायक हैं। इन पर अपने-अपने क्षेत्र से पार्टी प्रत्याशी आनंद शर्मा को लीड दिलाने का जिम्मा रहेगा। धर्मशाला, नुरपूर, सुलह, जसवां परागपुर, कांगड़ा और देहरा से विधानसभा चुनाव लड़ने वाले पूर्व प्रत्याशियों को भी सरकार में नियुक्ति लेने के लिए पार्टी को लीड दिलाने की परीक्षा देनी होगी

 मुख्यमंत्री सुक्खू और आनंद की रही है सियासी जुगलबंदी
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा की सियासी जुगलबंदी पुरानी है। दोनों नेता छात्र राजनीति से कांग्रेस के उच्च पदों तक पहुंचे हैं। केंद्र की राजनीति में रहते हुए आनंद के सहयोग से सुक्खू ने राज्य के संगठन में तरक्की की है। पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र से भी दोनों नेताओं के विचार कम मिलते थे। यह भी एक बड़ा कारण था जिसके चलते आनंद और सुक्खू के राजनीतिक संबंध मधुर ही रहे। अब सुक्खू मुख्यमंत्री हैं और आनंद पहली बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं। 

लोकसभा चुनाव प्रत्याशी से ज्यादा पार्टियां लड़ती हैं। देश में लोकतंत्र बचाने की मुहिम को और मजबूत करने के लिए ही पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा कांगड़ा से चुनाव लड़ रहे हैं। आनंद बीते 50 वर्ष से राजनीति के क्षेत्र में हैं। देश-विदेश में एक बड़े नेता के तौर पर उनकी पहचान है। कांग्रेस एकजुट होकर आनंद शर्मा को चुनाव जिताएगी। 

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