हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के 10वीं कक्षा के परिणाम में नंबर एक मेधावी देने के बावजूद सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी मेरिट लिस्ट में निजी स्कूलों से पिछड़ गए। 69,397 विद्यार्थियों ने सरकारी स्कूलों से परीक्षा दी थी, लेकिन मेरिट में मात्र 22 विद्यार्थी ही स्थान हासिल कर सके। निजी स्कूलों से 21,733 बच्चों ने परीक्षा दी थी, जिसमें से 70 विद्यार्थियों ने मेरिट लिस्ट में जगह बनाई। हालांकि इस बार 10वीं कक्षा का टॉपर सरकारी स्कूल से निकला है, लेकिन मेरिट सूची में शामिल कुल 92 मेधावियों में से मात्र 22 पर ही अपना स्थान बना पाए हैं।
वहीं दूसरी ओर निजी स्कूलों में अध्ययनरत 70 विद्यार्थियों ने टॉप-10 में अपना स्थान बनाया है। हैरानी इस बात की है कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 10वीं कक्षा में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या निजी स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों की अपेक्षा तीन गुना ज्यादा है। सरकारी स्कूलों से इस बार 69,397 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी, लेकिन बोर्ड को उनमें से मात्र 22 विद्यार्थी ही ऐसे मिले, जोकि निजी स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों को मात देकर मेरिट का हिस्सा बन सके हैं।
वहीं दूसरी ओर निजी स्कूलों से मात्र 21,733 परीक्षार्थी ही थे, जिन्होंने 10वीं कक्षा की परीक्षा दी थी। सरकारी स्कूलों से कम विद्यार्थी होने के बावजूद निजी स्कूलों से 70 परीक्षार्थी टॉप-10 सूची में स्थान हासिल करने में कामयाब हुए हैं
टॉप-10 सूची में सरकारी स्कूलों से किस रैंक पर कितने मेधावी
स्कूल शिक्षा बोर्ड की टॉप-10 मेरिट में पहले से लेकर 10वें रैंक तक सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों ने अपना स्थान बनाया है। नंबर-1 पर एक, तीन पर एक, चार पर दो, पांच पर एक, छह पर दो, सात पर एक, आठ और नंबर को सरकारी स्कूलों के चार-चार विद्यार्थियों ने साझा किया है। वहीं 10वें रैंक के लिए सरकारी स्कूलों के छह विद्यार्थियों ने टॉप-10 में स्थान बनाया है।
प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से घोषित 10वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम में एक बार फिर 12वीं के बाद 10वीं कक्षा में भी लड़कों पर लड़कियां भारी पड़ी हैं। टॉप-10 मेरिट के 92 मेधावियों में 71 स्थानों पर लड़कियों ने कब्जा जमाया है। मेरिट लिस्ट में पहले से लेकर 10वें स्थान तक लड़कियों ने अपना दबदबा कायम किया है। मेरिट सूची में पहले, दूसरे और 10वें स्थान पर लड़के ढूंढे नहीं मिले हैं। मात्र 9वें रैंक के लिए ही सात लड़कों ने 15 लड़कियों के साथ स्थान साझा किया है। लड़कों को काफी पीछे छोड़ते हुए मेरिट के 92 में से 71 स्थानों पर कब्जा जमाया है।
इनमें से निजी स्कूलों का काफी योगदान रहा है। सरकारी स्कूलों से 19, जबकि निजी स्कूलों से 52 लड़कियों ने मेरिट सूची में अपने झंडे गाड़े हैं। प्रदेश भर में 10वीं कक्षा की परीक्षा में लड़कों की अपेक्षा लड़कियों की संख्या कम है। सरकारी स्कूलों में लड़कियों की संख्या 44,559, जबकि लड़कों की संख्या 46,847 थी। वहीं दूसरी ओर निजी स्कूलों में 9403 लड़कियां, जबकि लड़कों की संख्या 12,330 थी। लड़कियों की संख्या लड़कों की अपेक्षा कम होने के बावजूद लड़कियों ने पूरे प्रदेश में अपना डंका बजाया है।
किस रैंक पर कितने लड़के और लड़कियां
रैंक लड़कियां लड़के
1 1 0
2 1 0
3 2 1
4 5 1
5 4 2
6 7 3
7 4 3
8 16 4
9 15 7
10 16 0