# भाजपा और कांग्रेस के लिए नई चुनौती बने मारकंडा और चौधरी, पढ़ें पूरा मामला…

Himachal Assembly byelection: Markanda and Chaudhary become new challenge for BJP and Congress

 पूर्व मंत्री रामलाल मारकंडा और पूर्व प्रत्याशी रहे राकेश चौधरी भाजपा व कांग्रेस के लिए नई चुनौती बन गए हैं। 

चुनावों में पूर्व मंत्री रामलाल मारकंडा और पूर्व प्रत्याशी रहे राकेश चौधरी भाजपा व कांग्रेस के लिए नई चुनौती बन गए हैं। भाजपा ने लाहौल-स्पीति विधानसभा के उपचुनाव में कांग्रेस से बागी हुए रवि ठाकुर को प्रत्याशी बनाया है। इससे नाखुश चल रहे पूर्व जयराम सरकार में मंत्री रहे रामलाल मारकंडा अब कांग्रेस से भी नाराज हो गए हैं।

वहीं पूर्व में भाजपा के प्रत्याशी रहे राकेश चौधरी के समर्थक धर्मशाला विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी से टिकट की मांग कर रहे थे। कांग्रेस ने इस सीट पर उन्हें भी प्रत्याशी न बनाकर देवेंद्र जग्गी पर दांव खेला है। प्रत्याशी घोषित होने से पहले ही चौधरी के समर्थकों को इसकी भनक लग चुकी थी, मगर ऐसे में टिकट न मिलने की स्थिति में उनसे निर्दलीय चुनाव लड़वाने की चेतावनी तक दे डाली। 

स्थिति यह है कि दोनों नेता भाजपा के हाथ से छिटके हुए हैं। कांग्रेस पार्टी भी अपने कार्यकर्ताओं की नाराजगी से बचने के लिए इन्हें अपनाने से परहेज करती रही। अब ऐसे हालात में अगर यह दोनों नेता निर्दलीय मैदान में उतरते हैं तो इससे इन दो विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों को ही नुकसान हो सकता है, क्योंकि दोनों के ही वोट कट-बंट सकते हैं।

 उल्लेखनीय है कि रवि ठाकुर समेत छह कांग्रेस विधायकों के बागी होने और उनकी सदस्यता जाने के बाद इनकी विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में रवि ठाकुर ने कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ा था और मंत्री मारकंडा को हराकर वह विधायक बने। फिर रवि ठाकुर बागी होकर भाजपा में शामिल हो गए। विज्ञापन

उपचुनाव में भाजपा ने उन्हें प्रत्याशी बनाया है। इससे मारकंडा अपनी पार्टी से नाराज चल रहे हैं। हालांकि वह कांग्रेस पार्टी से भी टिकट चाह रहे थे, लेकिन उसने भी उन्हें प्रत्याशी न बनाने का निर्णय लिया। वहां से नया महिला चेहरा अनुराधा राणा अब उम्मीदवार हैं। इससे मारकंडा ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है।

वहीं, धर्मशाला में आखिर देवेंद्र जग्गी को कांग्रेस से प्रत्याशी बनाने पर फैसला होने के बाद अगर राकेश चौधरी चुनाव लड़ते हैं तो वह भी दोनों ही पार्टियों की परेशानी बनेंगे। कांग्रेस पार्टी धर्मशाला विधानसभा उपचुनाव में किसी को नाराज नहीं करना चाहती है, वहीं भाजपा ने  इस सीट पर कांग्रेस से बागी हुए कांग्रेस विधायक रहे वीरभद्र सरकार के पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा को प्रत्याशी बनाया है।विज्ञापन

कांग्रेस के पार्टी सर्वे में भी टॉप पर थे जग्गी
धर्मशाला से विधानसभा उपचुनाव लड़ाने के लिए देवेंद्र सिंह जग्गी मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की पहली पसंद और पार्टी सर्वे में टॉपर थे। विधानसभा उपचुनाव की घोषणा होने के पहले दिन से मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू जग्गी को चुनाव मैदान में उतारने के हक में रहे। पार्टी की ओर से करवाए गए सर्वे में भी देवेंद्र सिंह जग्गी अन्य नेताओं पर भारी पड़े थे।

जग्गी को मुख्यमंत्री के करीबियों में गिना जाता है। धर्मशाला उपचुनाव को जीतने के लिए मुख्यमंत्री ने पूरी ताकत झोंकी हुई है। बीते दिनों मुख्यमंत्री दो बार धर्मशाला का प्रवास भी कर चुके हैं। वीरवार को दोबारा मुख्यमंत्री धर्मशाला जा रहे हैं।

कांग्रेस ने कहा- चुनाव में सबको साथ लेकर चलेंगे भाजपा बोली, न माने तो मौकापरस्त कहलाएंगे
कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष नरेश चौहान ने कहा कि यह चुनाव अच्छाई और बुराई की लड़ाई है। राकेश चौधरी और अन्य नेता अगर नाराज हैं, तो उनसे बात की जाएगी और साथ लेकर चलेंगे। दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने बताया कि राकेश चौधरी और रामलाल मारकंडा को मनाने का प्रयास किया जाएगा, नहीं माने तो मौकापरस्त कहलाएंगे।

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