हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव व विधानसभा उपचुनाव की अधिसूचना जारी होने के साथ धर्मशाला में आईपीएल मैच का भी आयोजन हो रहा है। जाहिर है कि आयोजन आईपीएल का है, तो सुरक्षा की जिम्मेदारी भी प्रदेश पुलिस पर है। चुनाव आयोग भय और लालच मुक्त चुनाव करवाने की अपनी प्रतिबद्धता जाहिर कर चुका है, लेकिन अभी तक पड़ोसी राज्यों के साथ लगती प्रदेश की सीमाओं पर पुलिस का पहरा नहीं बैठ पाया है।
विधानसभा क्षेत्र गगरेट जहां विधानसभा उपचुनाव भी है, उसकी सीमाएं पंजाब के साथ सटी हैं और कई वैकल्पिक मार्ग ऐसे हैं, जो अभी तक सुनसान हैं। बावजूद इसके पुलिस प्रशासन इन रास्तों से मतदाताओं को प्रलोभित करने के लिए आने वाली सामग्री पर नजर रखने के लिए लाचार दिख रहा है। अब सवाल यह है कि लोकतंत्र के महापर्व से ज्यादा जरूरी आला अफसरशाही को आईपीएल के मुकाबले क्यों लग रहे हैं।
लोकसभा चुनाव के साथ-साथ विधानसभा उपचुनाव के लिए अब तक चुनाव आयोग के आदेश पर हुई बैठकों में इस पर तो पूरा बल दिया गया कि पड़ोसी राज्यों के साथ सटी हिमाचल प्रदेश की सीमाएं सील की जाएंगी। इसके लिए अद्र्धसैनिक बल की कंपनियां तैनात होनी थीं, लेकिन चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद भी पंजाब के साथ सटी हिमाचल प्रदेश की सीमाएं अगर अभी तक पूरी तरह से सील नहीं की जा सकी हैं, तो यह बड़ी लापरवाही है। विधानसभा क्षेत्र गगरेट जहां विधानसभा उपचुनाव भी होने जा रहा हैं। इसकी सीमाएं पंजाब के साथ सटी हुई हैं।
ऐसे सात प्वाइंट हैं, जिन्हें हर हाल में सील करने के लिए पुलिस प्रशासन ने भी होमवर्क किया है। इसमें पांवड़ा, आशादेवी, नंगल जरियालां, डोलवा रोड, मरवाड़ी, गणु मंदवाड़ा व सलोह बैरी ऐसे प्वाइंट हैं जहां से आसानी से हिमाचल प्रदेश में प्रवेश किया जा सकता है। एसपी ऊना राकेश सिंह ने माना कि सुरक्षाबलों की कमी से अभी तक पंजाब के साथ सटी हिमाचल प्रदेश की सीमाएं सील नहीं हो पाई हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षाबल कब तक आएंगे इस बारे में भी कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। जो अद्र्धसैनिक बल मिले हैं, उन्हें ड्यूटी पर लगाया गया है।